मुख्य समाचार
अभी भी वक्त है, सहेजें कुदरती पानी को
पानी को लेकर विश्वयुद्ध की बातें अब नई नहीं हैं। सुनने में जरूर अटपटी लगती हैं, लेकिन हकीकत और हालात का इशारा कुछ यही है। इस बावत विश्व बैंक की उस रिपोर्ट को नजरअंदाज करना बेमानी होगा जो कहती है ‘जलवायु परिवर्तन और बेतहाशा पानी के दोहन की मौजूदा आदत से, बहुत जल्द देशभर के 60 फीसदी वर्तमान जलस्रोत, सूख जाएंगे। खेती तो दूर की कौड़ी रही, प्यास बुझाने को पानी होना, नसीब की बात होगी।’
उधर ‘वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम’ की रिपोर्ट भी डराती है। उसने पानी संकट को दस अहम खतरों में ऊपर रखा है। दसवीं ‘ग्लोबल रिस्क’ रिपोर्ट में यह खास है। पहली बार हुआ है, जब जलसंकट को बड़ा और संवेदनशील मुद्दा माना गया, वरना दशकभर पहले तक वित्तीय चिंताएं, देशों की तरक्की, ग्लोबल बिजनेस, स्टॉक मार्केट का छिन-पल बदलाव, तेल बाजार का उतार-चढ़ाव अहम होते थे।
सोचिए आने वाला कल कैसा भयावह होगा
सन् 2050 के लिए अभी सोचना होगा, जब पीने के पानी के लिए करीब पांच अरब लोग जूझ रहे होंगे। यूनेस्को की एक हालिया जल रिपोर्ट कहती है कि अकेले भारत में 40 फीसदी जल संसाधन कम हो जाएंगे। समझ सकते हैं, पानी की किस कदर किल्लत होगी।
उत्तर भारत का हाल तो अभी बेहाल है, जो आगे और कितना बदतर होगा? पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में भूजल बेहद कम है! जबकि दक्षिण और मध्य भारत में अगले 30-32 सालों में पानी की गुणवत्ता और भी ज्यादा खराब होगी। प्रदूषित पानी की समस्या सतही भंडारों के अलावा भूजल में भी है, क्योंकि इसमें धातु का दूषित पदार्थ घुल जाता है, जिसकी वजह जमीन पर खराब पदार्थों की डंपिंग है।
कहने को धरती का तीन चौथाई हिस्सा पानी से जरूर घिरा है, लेकिन साफ पानी और गिरता भूजल स्तर दुनिया की सबसे बड़ी चिंता का सबब बन चुका है। पानी की जरूरत और उसे साफ रखने के महत्व को इन हालातों के बावजूद भी नहीं समझेंगे तो कब चेतेंगे?
दिल दहला देती हैं ये घटनाएं
मप्र के उमरिया के सरसवाही की इसी 23 मई की एक घटना ने झकझोर कर रख दिया। मोहल्ले के कुएं सूख गए थे, इसलिए एक कुएं में सुरंग बनाकर पास के नाले से जोड़कर पानी लाने की कोशिश के दौरान मिट्टी धसक गई और दो सगे व एक चचेरे भाई की मौत हो गई।
इसी तरह अनूपपुर के चोंडी गांव में दो साल पहले 23 अप्रैल को हुई घटना बेहद झकझोरने वाली है। 14 साल का खेमचंद प्यास बुझाने, रोज की तरह घर के सूखे कुएं की तलहटी में, चुल्लू भर पानी की खातिर उतरा तभी अचानक ऊपर से मिट्टी भरभरा गई। वो प्यासा ही कुएं में जिंदा दफन हो गया। 32 घंटों की कवायद के बाद शव निकल पाया।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद की हालिया घटना भी चिंताजनक है, जिसमें 17 साल के नौजवान और 65 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश बिहार, ओडिशा में जहां-तहां पानी की जबरदस्त किल्लत है। गुजरात के सरदार सरोवर बांध को बीते मानसून में मप्र में कम हुई बारिश के चलते केवल 45 फीसदी पानी मिला। वहां उद्योगों को पानी देना मुश्किल हो रहा है। लंदन से आई एक रिपोर्ट जो पूर्व चेतावनी उपग्रह प्रणाली के अध्ययन पर आधारित है, वह काफी डराने वाली है जो बताती है भारत एक बड़े जलसंकट की ओर बढ़ रहा है।
डे जीरो का संकट दुनिया पर मंडरा रहा है
भारत, मोरक्को, इराक और स्पेन में सिकुड़ते जलाशयों से नलों में पानी गायब हो सकता है! दुनिया के 500,000 बांधों के लिए पूर्व चेतावनी उपग्रह सिस्टम बनाने वाले डेवलपर्स के अनुसार, यहां पानी संकट ‘डे जीरो’ तक पहुंच जाएगा, जिसका मतलब नलों से पानी एकदम गायब हो सकता है!
जान हथेली पर रखकर पानी जुटाना गरीबों की नियति बन चुकी है! पैसे वाले तो अपना इंतजाम आसानी से कर लेते हैं। लेकिन गरीबों की स्थिति के लिए उपरोक्त घटनाएं सबूत हैं। इससे अमीर-गरीब के बीच की खाई और दुश्मनी भी बढ़ रही है।
हर साल लगभग 7-8 महीने पानी की कमीं से कई राज्य जूझते हैं। जनसंख्या बढ़ने के साथ कल-कारखानों, उद्योगों और पशुपालन को मिले बढ़ावे के बीच जल संरक्षण की ओर ध्यान नहीं गया। नतीजन, भूजल स्तर गिरता गया। अब समस्या पानी ही नहीं, बल्कि शुद्ध पानी भी है। दुनिया में करीब पौने 2 अरब लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा।
सहेजना ही होगा कुदरती पानी
सोचिए, पानी को हम किसी कल कारखाने में नहीं बना सकते। कुदरती पानी का ही जतन करना होगा। इसके खातिर चेतना ही होगा। चीन, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, इजरायल सहित कई देशों में ‘रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम’ पर काफी काम हो रहा है। सिंगापुर में तो यही पानी का खास जरिया बन गया है। भारत में इस बावत जागरूकता की जरूरत है।
गांव, बस्ती, मुहल्ले, घर-घर और खेतों में भूजल स्तर बढ़ाने की वैज्ञानिक विधि से रू-ब-रू कराने की आसान कवायद शुरू हो। भूजल स्तर बढ़ाने खातिर ‘रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम’ को जरूरी किया जाए और घर-घर और खेत-खेत पानी बैंक बनाने की ईमानदार कोशिश हो। लोगों को कम से कम इतना तो समझाया जाए कि और कुछ नहीं तो, एक-दो बारिश के बाद घर की छत को अच्छी तरह साफ कर उससे निकलने वाले पानी को चंद फुट पाइप के जरिए सीधे कुएं में भरकर उसे रिचार्ज करना बेहद आसान है और मुफ्त में बहुत बड़ा फायदा है।
जिस कड़ाई से ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के लिए खुले में शौच प्रतिबंधित है, उसी तर्ज पर वर्षा जल संग्रहण को जरूरी कर इसके बड़े और चौंकाने वाले नतीजे हासिल किए जा सकते हैं। जरूरत सरकारी इच्छा शक्ति और ईमानदार प्रयासों की है।
बरसात आने वाली है, क्यों न इसी साल घर पर ही सहज, सुलभ आसान-सा रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की मुहिम चले, जिससे जल बैंक में बढ़ोतरी हो और केवल दो-तीन महीनों की कोशिशों से पूरे साल बेहिसाब साफ, शुद्ध और प्राकृतिक पानी मिल सके।
(लेखक ऋतुपर्ण दवे स्वतंत्र स्तंभकार हैं- आईएएनएस)
मुख्य समाचार
बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
-
लाइफ स्टाइल15 hours ago
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
-
नेशनल21 hours ago
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों में AQI 4OO पार
-
उत्तर प्रदेश17 hours ago
दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग
-
खेल-कूद22 hours ago
भारतीय क्रिकेट टीम पहुंची साउथ अफ्रीका, खेलेगी चार मैचों की टी20 सीरीज
-
मनोरंजन3 days ago
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान का जन्मदिन आज, जानिए उनके और गौरी के मजेदार किस्से के बारे में
-
उत्तराखंड2 days ago
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
-
नेशनल2 days ago
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण सनातन धर्म की रक्षा के लिए ‘नरसिंह वरही ब्रिगेड’ के गठन की घोषणा
-
ऑफ़बीट21 hours ago
मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश