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उत्तर प्रदेश

सुभासपा फिर NDA में शामिल, अमित शाह ने ट्वीट कर कहा- यूपी में मजबूती मिलेगी

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Sbsp joins NDA again

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा ने विपक्ष को एक और बड़ा झटका दिया है। उप्र में ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) एक बार फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो गई है। राजभर ने अपने बेटे के साथ कल शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात की।

आज रविवार की सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके एलान किया है। अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ओम प्रकाश राजभर से दिल्ली में भेंट हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का फैसला लिया है। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूं। राजभर के आने से उप्र में NDA को मजबूती मिलेगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में NDA द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा।

बता दें कि पिछले काफी समय से सियासी गलियारों में चर्चा थी कि ओपी राजभर फिर से भाजपा के साथ जाएंगे। ऐसे में भाजपा के साथ गठबंधन होने की अटकलों को विराम देते हुए सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शनिवार को दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मौके पर राजभर के बड़े पुत्र डॉ. अरविंद राजभर के अलावा केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद रहे।

करीब पौन घंटे के मुलाकात के बाद अब सुभासपा का भाजपा के साथ गठबबंधन होना पक्का हो गया। सूत्रों का कहना है कि राजभर ने अमित शाह के सामने लोकसभा चुनाव में कुल तीन सीटों की मांग रखी है। इनमें दो सीटें यूपी में और एक सीट बिहार में मांगी है। हालांकि बिहार में सीट देने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन यूपी में दो सीट देने पर लगभग सहमति बन गई है।

इनमें गाजीपुर और घोसी सीट शामिल हैं। राजभर शाह के सामने यह भी शर्त रखी है कि दोनों सीटें वह अपने सिंबल ही चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि राजभर ने गाजीपुर सीट से अपने छोटे पुत्र अरुण राजभर को चुनाव लड़ाने का भी प्रस्ताव भी अमित शाह को दिया है।

सूत्रों का कहना है कि राजभर ने अमित शाह के सामने यह भी शर्त रखी है कि यदि बिहार में सीट देने की स्थिति नहीं बनती है तो फिर यूपी में चंदौली या आजमगढ़ की लालगंज सीट में से कोई एक सीट सुभासपा को दिया जाए। यानि उन्होंने बिहार में सीट न मिलने की स्थिति में यूपी में कुल तीन सीटें मांगी है । हालांकि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।

इसके अलावा राजभर ने शाह के साथ पार्टी के उन मुद्दों पर भी चर्चा की है, जिनमें सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने, राजभर जाति को अनुसूचिचत जन जाति में शामिल करने समेत कई मुद्दे शामिल हैं। कहा जा रहा है कि राजभर के कई प्रस्तावों पर अमित शाह ने हामी भरी है। इससे राजभर संतुष्ट भी हैं।

यूपी की राजनीति से जुड़े एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सपा विधायक दारा सिंह ने सपा छोड़ दी है। शनिवार को उन्होंने भी अमित शाह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि वह लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से प्रत्याशी बन सकते हैं।

उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

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कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

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