Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

प्रशिक्षण कार्यशाला में सिखाए गए विज्ञान लेखन के गुर

Published

on

विज्ञान लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला, विज्ञान लेखन के गुर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र., जिला विज्ञान क्लब लखनऊ

Loading

विज्ञान लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला, विज्ञान लेखन के गुर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र., जिला विज्ञान क्लब लखनऊ

science journlism

पांच दिवसीय विज्ञान लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला का तीसरा दिन

लखनऊ। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र. के तत्वावधान में जिला विज्ञान क्लब, लखनऊ एवं बी.एस.आई.पी. द्वारा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान में आयोजित की जा रही आठवीं पांच दिवसीय विज्ञान लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला के तीसरे दिन सर्वप्रथम जी.एस.आई के पूर्व निदेशक वी.के.जोशी एवं डा सी.एम. नौटियाल द्वारा प्रतिभागियों द्वारा लिखे गये 200 शब्दों के आलेखों का मूल्यांकन किया गया।

वी.के.जोशी ने प्रतिभागियो को बताया कि दो प्रकार का विज्ञान लेखन किया जाता है, शोध पत्रों में वैज्ञानिको द्वारा वैज्ञानिको के लिए विज्ञान लेखन किया जाता है जब कि पत्र पत्रिकाओं मे आम जन मानस के लिए विज्ञान की कठिन एवं तकनीकी जानकारी सरल भाषा में विज्ञान पत्रकारों द्वारा लिखा जाता है। वर्तमान समय में पूरे देश में विज्ञान लेखको की कमी है, मात्र लिए अपार सम्भावनाएं है।

रूचि होने पर विज्ञान लेखक समाचार पत्र/पत्रिकाओं में स्वास्थ्य एवं तकनीकी विषयों पर लेखन अथवा सम्पादन भी कर सकते है। उन्होने कहा कि विज्ञान लेखन करने से पहले मनपसन्द विषय का चुनाव करना महत्वपूर्ण काम है। निरन्तर लिखते रहने पर लेखन क्षमता का विकास होता है।

वरिष्‍ठ विज्ञान पत्रकार रूमा सिन्हा ने प्रतिभागियो को पत्रकारिता एवं कैरियर विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि विज्ञान की अहम खबरो को तथ्यों से छेडछाड किये बगैर आम जनता तक सरल एवं रोचक ढ़ग से पहुचाना विज्ञान लेखको की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हैं।

पर्यावरण, टेक्नोलाजी, मेडिकल, के क्षेत्र में विज्ञान लेखन की असीम सम्भावना है। उत्कृष्‍ट विज्ञान लेखन करने के लिये ज्ञान वर्धन के साथ साथ नई नई जानकारियों को अपडेट करना जरुरी है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र. की संयुक्त निदेशक डा. राना ने इन्टलेक्चुअल प्रापर्टी एवं कापी राईट के बारे में प्रतिभागियो को विस्तार से बताया कि मनुष्‍य की प्रतिभा का वाजिब हक दिलाना इस कानून का मूल उद्देश्‍य है। लखनई का चिकन वर्क और बनारस की साड़ी कापी राईट के अन्तर्गत रजिस्टर्ड होने के कारण विश्वविख्यात है।

जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक राजकमल श्रीवास्तव ने चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए बताया कि विज्ञान लेखको में वैज्ञानिक सोच होना जरूरी है। किसी भी घटना का विश्‍लेषण करने पर उसके पीछे छिपे हुए रहस्य उजागर होते है। रहस्यो का पर्दाफाश करने से विज्ञान लेखन की रोचकता बनी रहती है।

IANS News

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की जयंती आज, सीएम योगी समेत बड़े नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक, पूर्व रक्षा मंत्री एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा ने शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ‘पद्म विभूषण’ मुलायम सिंह यादव की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.” सपा ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी के संस्थापक, देश के पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हम सबके आदर्श ‘पद्म विभूषण’ श्रद्धेय नेताजी मुलायम सिंह यादव जी की जयंती पर शत शत नमन एवं भावपूर्ण श्रद्धांजलि.

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ एक्स ‘ पर पोस्ट पर कहा, समाजवादी पार्टी के संस्थापक व वरिष्ठ राजनेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमनI

 

Continue Reading

Trending