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..और चला गया वो पत्रकार जो इंदिरा की इमरजेंसी के सामने चट्टान बन गया था

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नई दिल्ली। आज पत्रकारिता के लिए एक काला दिन है। आज हमारे बीच वरिष्ठ पत्रकार और कई महती किताबों के रचयिता कुलदीप नैयर नहीं रहे। कुलदीप नैयर उन पत्रकारों में से थे जो आपातकाल के दौरान इंदिरा सरकार के खिलाफ खड़े अपने संघर्ष की लड़ाई लड़ रहे थे। आज जब एक बार फिर पत्रकारिता की आज़ादी पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो हमें कुलदीप जैसे पत्रकारों की कमी हमेशा खलेगी।

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक कुलदीप नैयर का दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उनके परिवार ने गुरुवार को उनके निधन की पुष्टि की। नैयर ने रात 12.30 बजे एस्कॉर्ट्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर एक बजे किया जाएगा। मानवाधिकार कार्यकर्ता रहे नैयर 1990 में ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त भी रह चुके हैं और उन्हें राज्यसभा के लिए भी नामित किया गया था। स्तंभकार नैयर ने ‘बियॉन्ड द लाइन्स’ और ‘इंडिया आफ्टर नेहरू’ सहित कई किताबें भी लिखी हैं।

वो कुलदीप ही थे जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से एक ऐसा कानून बनाने की मांग की थी जो किसी राष्ट्रीय स्वयं सेवक को उच्च पद के लिए अयोग्य बनाए।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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