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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में मामूली गिरावट

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह मामूली गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.08 फीसदी यानी 19.38 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 24,435.66 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.21 फीसदी यानी 15.35 अंकों की गिरावट के साथ 7,422.45 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयरों में तेजी रही। एक्सिस बैंक (13.50 फीसदी), गेल (9.31 फीसदी), भेल (7.91 फीसदी), टाटा स्टील (7.48 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (7.19 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे रिलायंस इंडस्ट्रीज (6.45 फीसदी), कोल इंडिया (5.74 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.92 फीसदी), मारुति (3.88 फीसदी) और सिप्ला (3.61 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह एक फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 1.46 फीसदी या 150.68 अंकों की गिरावट के साथ 10,193.05 पर और स्मॉलकैप 1.71 फीसदी या 184.5 अंकों की गिरावट के साथ 10,598.38 पर बंद हुआ।

सोमवार 18 जनवरी को जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक देश का वस्तु निर्यात दिसंबर में घटकर 22.29 अरब डॉलर रहा, जो लगातार 13वें महीने की गिरावट है। एक साल पहले की समान अवधि में वस्तु निर्यात 26.15 अरब डॉलर था। आयात भी इस दौरान 3.88 फीसदी गिरावट के साथ 33.96 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 35.33 अरब डॉलर था। व्यापार घाटा इस दौरान हालांकि बढ़कर 11.66 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो एक साल पहले 9.18 अरब डॉलर था।

चीन द्वारा मंगलवार 19 जनवरी को जारी आंकड़े के मुताबिक 2015 की चौथी तिमाही में उसकी विकास दर 6.8 फीसदी रही, जो तीसरी तिमाही में 6.9 फीसदी थी। पूरे वर्ष के लिए चीन की विकास दर 6.9 फीसदी रही, जो गत 25 वर्ष का निचला स्तर है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बुधवार 20 जनवरी को जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में 2016 और 2017 के लिए वैश्विक विकास दर के अनुमान को घटाते हुए क्रमश: 3.4 फीसदी और 3.6 फीसदी कर दिया।

अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गुरुवार 21 जनवरी को यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने मुख्य ब्याज दर को पुराने स्तर पर बरकरार रखा। ईसीबी ने अपने शाषकीय परिषद की बैठक के बाद एक बयान में कहा, “मुख्य रिफायनेंस ऑपरेशन, सीमांत ऋण सुविधा और जमा सुविधा पर ब्याज दर क्रमश: 0.05 फीसदी 0.3 फीसदी और नकारात्मक 0.3 फीसदी बरकरार रहेगी।” ब्याज दर को निचले स्तर पर बनाए रखकर ईसीबी यूरो जोन में महंगाई दर बढ़ाना चाहता है और सुस्त अर्थव्यवस्था में जान फूंकना चाहता है।

ईसीबी ने साथ ही संपत्ति खरीदने के कार्यक्रम को भी छह महीने के लिए बढ़ा दिया। इसके तहत वह मार्च 2017 तक हर महीने 60 अरब यूरो (करीब 65.4 अरब डॉलर) की संपत्ति खरीद कर बाजार की तरलता बढ़ाता रहेगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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