Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से कम तेजी

Published

on

सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से कम तेजी

Loading

सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से कम तेजी

मुंबई| देश के शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह लगभग 0.30 फीसदी तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.29 फीसदी यानी 71.51 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 24,717.99 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.33 फीसदी यानी 24.85 अंकों की तेजी के साथ 7,510.20 पर बंद हुआ। सोमवार सात मार्च 2016 को महाशिवरात्रि के मौके पर बाजार बंद था।

सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। ल्युपिन (4.35 फीसदी), एशियन पेंट्स (3.35 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.04 फीसदी), एचडीएफसी (2.68 फीसदी) और भारती एयरटेल (2.65 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारतीय स्टेट बैंक (4.27 फीसदी), भेल (3.36 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.04 फीसदी), इंफोसिस (2.40 फीसदी) और कोल इंडिया (1.89 फीसदी)।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 45.86 अंकों की तेजी के साथ 10,270.70 पर और स्मॉलकैप 0.08 फीसदी या 7.76 अंकों की गिरावट के साथ 10,277.99 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर कर संबंधी बजट प्रस्ताव को वापस ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार आठ मार्च को प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा की। 29 फरवरी को पेश आम बजट 2016-17 में प्रस्ताव रखा गया था कि ईपीएफ और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) दोनों में सेवानिवृत्ति के बाद कुल निकासी का 40 फीसदी हिस्सा करमुक्त रहेगा। इससे एक अप्रैल 2016 के बाद जमा कुल योगदान की निकासी के 60 फीसदी हिस्से पर कर लगता, यदि उसे किसी एन्युइटी उत्पादन में निवेश नहीं किया जाता। पुराने नियमों के मुताबिक ईपीएफ की पूरी निकासी कर मुक्त है।

यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार 10 मार्च को यूरोपीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार बढ़ा दिया और साथ ही मुख्य ब्याज दर भी घटा दी। ईसीबी ने मुख्य ऋण दर को 0.05 फीसदी से घटाकर शून्य फीसदी कर दिया और जमा दर को नकारात्मक 0.3 फीसदी से और घटाकर नकारात्मक 0.4 फीसदी कर दिया। इसके अलावा ईसीबी ने अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया, जो अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending