उत्तराखंड
हास्टल की छत पर चढ़कर युवती ने बचाई आबरू
हरिद्वार। हरिद्वार स्थित एक आयुर्वेदिक कॉलेज के हॉस्टल में एक युवती ने छत पर चढ़कर अपनी आबरू बचाई। युवती को नौकरी दिलाने के बहाने से हॉस्टल में लाया गया था। हॉस्टल के एक कमरे में युवती को बंद करके दुराचार का प्रयास किया गया। युवती ने हॉस्टल की छत पर चढ़कर शोर मचाते हुए आरोपी युवकों से खुद को बचा लिया।
कनखल थाना क्षेत्र में एक आयुर्वेदिक कॉलेज का हॉस्टल स्थित है। शुक्रवार को एक नामी कंपनी में काम करने वाला एक युवक लक्सर क्षेत्र की एक युवती को कंपनी में नौकरी दिलाने के बहाने हॉस्टल में ले आया। हॉस्टल के कमरा नंबर 13 में युवती की मुलाकात एक दूसरे युवक से एचआर बताकर कराई गई। नौकरी दिलाने की बातचीत करते हुए दूसरे युवक ने युवती को कमरे में बंद कर लिया।
एक युवक कमरे के बाहर खड़ा रहा। कमरे में युवती के साथ दुराचार का प्रयास किए जाने पर युवती ने शोर मचाया। वह किसी तरह से आरोपी युवकों के कब्जे से निकलकर शोर मचाते हुए हॉस्टल की छत पर पहुंच गई। हॉस्टल की छत पर युवती को शोर मचाते देख सुरक्षा कर्मियों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। इसी बीच आरोपी युवक मौके से फरार हो गए। पुलिस ने संस्था के कार्यालय में पहुंचकर पीड़ित युवती से बातचीत की।
पुलिस की ओर से मामले की सूचना पीड़िता के परिजनों को दी गई। कनखल थाना के कार्यवाहक थानाध्यक्ष भगत दास ने बताया कि पीड़िता की ओर से लिखित में कोई शिकायत नहीं मिलने पर उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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