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शेयर बाजारों में तेजी, सेंसेक्स 777 अंक ऊपर

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शेयर बाजारों में तेजी, सेंसेक्स 464 अंक ऊपर, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

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शेयर बाजारों में तेजी, सेंसेक्स 777 अंक ऊपर, सात सालों की सबसे बड़ी उछाल, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दर घटाए जाने की उम्मीद, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

मुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दर घटाए जाने की उम्मीद और बजटीय घोषणाओं के कारण देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को तेजी दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 777.35 अंकों की तेजी के साथ 23,779.35 पर और निफ्टी 235.25 अंकों की तेजी के साथ 7,222.30 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 151.32 अंकों की तेजी के साथ 23,153.32 पर खुला और 777.35 अंकों या 3.38 फीसदी तेजी के साथ 23,779.35 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 23,821.49 के ऊपरी और 23,133.18 के निचले स्तर को छुआ।सेंसेक्स के 30 में से 27 शेयरों में तेजी रही। आईटीसी (9.91 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (7.95 फीसदी), मारुति (7.80 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (6.69 फीसदी) और अडाणी पोर्ट्स (5.30 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के तीन शेयरों ओएनजीसी (1.34 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (0.58 फीसदी) और डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (0.11 फीसदी) में गिरावट रही।

सात सालों की सबसे बड़ी उछाल

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 51.20 अंकों की तेजी के साथ 7,038.25 पर खुला और 235.25 अंकों या 3.37 फीसदी तेजी के साथ 7,222.30 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,235.50 के ऊपरी और 7,035.10 के निचले स्तर को छुआ। बाजार में शॉर्ट कवरिंग के कारण तेजी आई, क्योंकि निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार के वित्तीय घाटा कम करने की योजना पर टिके रहने के कारण आरबीआई को आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य दर में कटौती करने में सुविधा होगी। निवेशकों ने आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, हीरो मोटोकॉर्प और मारुति सुजुकी जैसे शेयरों को कम मूल्य पर लपकने की कोशिश की, जिसके कारण भी सूचकांकों में वृद्धि दर्ज की गई। अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल मूल्य में वृद्धि ने भी लिवाली को हवा दी। कच्चे तेल की कीमत 1.2 फीसदी बढ़कर 34 डॉलर प्रति बैरल हो गई है।

जियोजित बीएनपी पारिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के टेक्निकल रिसर्च डेस्क के सह-प्रमुख आनंद जेम्स के मुताबिक, वित्तीय घाटा कम करने योजना पर सरकार के टिके रहने के कारण निवेशकों को आरबीआई द्वारा दर घटाए जाने की उम्मीद है। जेम्स ने कहा, “बजट के बाद आर्थिक स्थिरता बढ़ने की उम्मीद से निवेशकों में जोखिम लेने की भावना बढ़ी है।” बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी का रुख रहा। मिडकैप 291.17 अंकों की तेजी के साथ 9,866.27 पर और स्मॉलकैप 308.23 अंकों की तेजी के साथ 9,856.56 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी 19 सेक्टरों में तेजी रही। तेज उपभोक्ता खपत वस्तु (4.90 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (4.37 फीसदी), रियल्टी (4.21 फीसदी), वाहन (4.19 फीसदी) और औद्योगिक (3.86 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 2,011 शेयरों में तेजी और 601 में गिरावट रही, जबकि 104 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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