बिजनेस
शेयर बाजार : उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी
मुंबई| देश के शेयर बाजार में अगले सप्ताह घरेलू आर्थिक आंकड़ों के अभाव में और आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा तथा चौथी तिमाही के परिणामों के इंतजार में असमंजस की स्थित बनी रहेगी। इसके साथ ही वैश्विक बाजारों के रुझानों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल व तेल कीमतों पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी। गुरुवार 24 मार्च को बाजार होली के अवसर पर बंद रहेगा। इसके अगले दिन शुक्रवार 25 मार्च को भी गुड फ्राइडे के मौके पर बाजार बंद रहेगा। बाजार के लिए अगली बड़ी घटना भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा है। अगली मौद्रिक नीति समीक्षा पांच अप्रैल को होगी।
आगामी दिनों में बाजार के लिए एक अन्य बड़ी घटना चौथी तिमाही के लिए कंपनियों द्वारा जारी होने वाले परिणाम होंगे। चौथी तिमाही के परिणाम अप्रैल के दूसरे सप्ताह से आने शुरू हो जाएंगे, जो मई के दूसरे सप्ताह तक चलेंगे। वैश्विक घटनाक्रमों में सोमवार 21 मार्च को अमेरिका में पुराने मकानों की बिक्री के आंकड़े जारी होंगे। अमेरिका में नए मकानों की बिक्री संबंधी आंकड़े बुधवार 23 मार्च को जारी होंगे। अमेरिका शुक्रवार 25 मार्च को चौथी तिमाही के लिए विकास दर के आंकड़े जारी करेगा। यूरोप में मार्च महीने के लिए यूरोजोन मार्किट पीएमआई कंपोजिट इंडेक्स के आंकड़े गुरुवार 24 मार्च को जारी होंगे।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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