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बिजनेस

शेयर बाजार : आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा पर रहेगी नजर

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शेयर बाजार, आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा, वैश्विक बाजारों के रुझानों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश, घरेलू संस्थागत निवेश

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शेयर बाजार, आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा, वैश्विक बाजारों के रुझानों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश, घरेलू संस्थागत निवेश

मुंबई| शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह में निवेशकों की नजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा और जनवरी-मार्च तिमाही के परिणामों पर रहेगी। इस दौरान शेयर बाजारों में निवेशकों की नजर वैश्विक बाजारों के रुझानों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल व तेल कीमतों पर भी बनी रहेगी। जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने कहा, “इस सप्ताह मुख्य ध्यान आरबीआई की मौद्रिक नीति और ब्याज दर में कटौती संबंधी चर्चा पर रहेगी। 25 आधार अंक कटौती की उम्मीद है।” आम बजट में वित्तीय घाटा पर सरकार के टिके रहने, छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती किए जाने और कम महंगाई दर के कारण निवेशकों को आरबीआई से ब्याज दर में कटौती किए जाने की उम्मीद है। आरबीआई पांच अप्रैल को वित्त वर्ष 2016-17 के लिए पहली मौद्रिक नीति समीक्षा करेगा।

एंजल ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष और रिसर्च प्रमुख वैभव अग्रवाल ने कहा, “हमारी समझ के मुताबिक बाजार ने पहले ही दर कटौती की घोषणा की उम्मीद करते हुए अपने पोर्टफोलियो में जरूरी बदलाव कर लिए हैं।” जियोजीत बीएनपी पारिबा फायनेंशियल सर्विसिस के मुख्य विपणन रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा कि चौथी तिमाही के परिणाम भी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। जेम्स ने कहा, “अगले सप्ताह के आखिरी दिनों में निवेशकों का मुख्य ध्यान चौथी तिमाही के परिणामों पर टिक जाएगा और समग्र बाजार की जगह खास-खास शेयरों की गतिविधियां महत्वपूर्ण हो जाएगी।” मार्किट इकॉनॉमिक्स सोमवार चार अप्रैल को मार्च 2016 के लिए विनिर्माण क्षेत्र के लिए पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़े जारी करेगी। निक्के ई इंडिया विनिर्माण पीएमआई फरवरी 2016 में 51.1 पर था। बुधवार छह अप्रैल को मार्किट इकॉनॉमिक्स मार्च महीने के लिए सेवा क्षेत्र से संबंधित निक्के ई इंडिया सर्विसिस पीएमआई आंकड़ा जारी करेगी, जो फरवरी में 51.4 पर था। सोमवार चार अप्रैल से पश्चिम बंगाल और असम विधानसभाओं के चुनाव के लिए मतदान शुरू हो जाएगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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