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बिजनेस

शेयर बाजार : आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी निवेशकों की नजर

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शेयर बाजार, आर्थिक आंकड़ों पर निवेशकों की नजर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश, घरेलू संस्थागत निवेश

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शेयर बाजार, आर्थिक आंकड़ों पर निवेशकों की नजर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश, घरेलू संस्थागत निवेश

मुंबई| देश के शेयर बाजार में अगले सप्ताह प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक रुझानों पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। इसके साथ ही संसद के बजट सत्र की गतिविधियों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों तथा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल व तेल कीमतों पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों का बाजार पर सोमवार को प्रभाव दिखेगा। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े के मुताबिक, देश के औद्योगिक उत्पादन में जनवरी 2016 में 1.53 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। दिसंबर 2015 में इसमें 1.18 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी।

मौजूदा कारोबारी वर्ष के प्रथम 10 महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में हालांकि 2.7 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। यह दर एक साल पहले की समान अवधि में 2.6 फीसदी थी। सरकार सोमवार 14 मार्च को फरवरी महीने के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी। उपभोक्ता महंगाई दर जनवरी 2016 में 5.69 फीसदी थी। इसी दिन सरकार थोक महंगाई दर के आंकड़े भी जारी करेगी। थोक महंगाई दर जनवरी में 0.9 फीसदी दर्ज की गई थी।

मंगलवार 15 मार्च को सरकार कंपनियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले अग्रिम कर के चौथे खेप आंकड़े जारी करेगी। इस आंकड़े से चौथी तिमाही में कंपनियों को होने वाली आय का संकेत मिलेगा। अग्रिम कर चार किस्तों में जमा किए जाते हैं- 15 जून तक 15 फीसदी, 15 सितंबर तक 40 फीसदी, 15 दिसंबर तक 75 फीसदी और 15 मार्च तक 100 फीसदी। आगामी सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के शेयरों पर भी नजर रहेगी। ये कंपनियों हर महीने के मध्य और आखिर में गत दो सप्ताह के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य के आधार पर घरेलू तेल मूल्य की समीक्षा करती हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति निर्मात्री समिति फेडरल ओपेन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) 15 और 16 मार्च को दो दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक करेगी। उम्मीद की जा रही है कि वह अपनी दरों में इस बार कोई बदलाव नहीं करेगी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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