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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी तेजी

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह करीब दो फीसदी तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.78 फीसदी यानी 435.03 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 24,870.69 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.90 फीसदी यानी 141.1 अंकों की तेजी के साथ 7,563.55 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 17 शेयरों में तेजी रही। सन फार्मा (10.50 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (7.65 फीसदी), कोल इंडिया (6.70 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (5.73 फीसदी) और ओएनजीसी (4.46 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भेल (5.74 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स (4.06 फीसदी), एक्सिस बैंक (3.76 फीसदी), एलएंडटी (3.49 फीसदी) और भारती एयरटेल (9.15 फीसदी)।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह दो फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप 2.20 फीसदी या 224.21 अंकों की तेजी के साथ 10,417.26 पर और स्मॉलकैप 2.56 फीसदी या 271.46 अंकों की तेजी के साथ 10,869.84 पर बंद हुआ।

देश में बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, कच्चे तेल के भारतीय बास्केट की कीमत मंगलवार को घटकर प्रति बैरल 26.63 डॉलर दर्ज की गई। इससे पहले जून 2001 में भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत इतनी ही दर्ज की गई थी।

पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के 12 तेलों के बास्केट की कीमत भी मंगलवार को 13 साल के निचले स्तर 25.11 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई, जो सोमवार को 25.58 डॉलर प्रति बैरल थी।

शुक्रवार 29 जनवरी को बैंक ऑफ जापान ने दो दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद नकारात्मक ब्याज दर की घोषणा कर बाजार का हतप्रभ कर दिया। बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों द्वारा बैंक ऑफ जापान में जमा की जाने वाली अतिरिक्त राशि पर दी जाने वाली 0.1 फीसदी ब्याज दर को घटाकर कर नकारात्मक 0.1 फीसदी कर दिया। बैंक ने यह कदम देश में महंगाई दर को लक्षित दो फीसदी की तरफ बढ़ाने के लिए की जा रही कोशिश के तहत उठाया है।

बुधवार 27 जनवरी को अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने मुख्य ब्याज दरों को 0.25-0.5 फीसदी के लक्षित दायरे में बनाए रखने की घोषणा की और आर्थिक विकास को संबल देने के लिए नरम मौद्रिक नीति पर चलते रहने का वादा किया।

बुधवार 27 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में पहली बार भारत सहित चार उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों को 10 सबसे बड़े सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। यह बदलाव ऐतिहासिक कोटा और प्रशासन सुधार को लागू करने के बाद किया गया है। आईएमएफ के प्रमुख 10 देशों में शामिल किए गए चार नामों में भारत के अलावा चीन, ब्राजील और रूस हैं। पुराने छह सदस्यों में हैं अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन।

मंगलवार 26 जनवरी को विश्व बैंक ने 2016 के लिए कच्चे तेल के वैश्विक मूल्य का अनुमान घटाकर प्रति बैरल 37 डॉलर कर दिया है, जिसके बारे में अक्टूबर में उसने 51 डॉलर प्रति बैरल का अनुमान दिया था। वहीं भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत मंगलवार को गत 14 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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