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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी गिरावट

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह करीब एक फीसदी गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.02 फीसदी यानी 253.72 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 24,616.97 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.98 फीसदी यानी 74.45 अंकों की गिरावट के साथ 7,489.10 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयरों में तेजी रही। भारती एयरटेल (6.01 फीसदी), ल्युपिन (5.33 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.68 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (3.40 फीसदी) और एशियन पेंट्स (3.26 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एनटीपीसी (12.31 फीसदी), मारुति (9.13 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (9.08 फीसदी), गेल (6.91 फीसदी) और भारतीय स्टेट बैंक (6.53 फीसदी)।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गत सप्ताह गिरावट रही। मिडकैप 0.79 फीसदी या 82.19 अंकों की गिरावट के साथ 10,335.07 पर और स्मॉलकैप 2.76 फीसदी या 300.31 अंकों की गिरावट के साथ 10,569.53 पर बंद हुआ।

सोमवार एक फरवरी को जारी निक्के ई पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़े के मुताबिक देश के विनिर्माण क्षेत्र में जनवरी 2016 में तेजी दर्ज की गई। मार्किट और निक्के ई द्वारा किए गए पीएमआई सर्वेक्षण के मुताबिक, जनवरी 2016 में पीएमआई रीडिंग बढ़कर 51.1 दर्ज की गई, जो दिसंबर में 49.1 थी।

पीएमआई में 50 से नीचे की रीडिंग से संबंधित आर्थिक क्षेत्र में संकुचन और रीडिंग के 50 से ऊपर रहने से विस्तार का पता चलता है।

बुधवार तीन फरवरी जारी एक प्रमुख आंकड़े के मुतााबिक देश के सेवा क्षेत्र में जनवरी महीने में विस्तार दर्ज किया गया। निक्के ई व्यापारिक गतिविधि इंडेक्स की रीडिंग जनवरी में 19 महीने के ऊपरी स्तर 54.3 पर दर्ज की गई, जो दिसंबर 2015 में 53.6 पर थी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार दो फरवरी को अगले कारोबारी साल के बजट पेश होने और महंगाई पर तस्वीर और स्पष्ट होने का इंतजार करते हुए बाजार की उम्मीदों के अनुरूप मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई ने रेपो दर बिना किसी बदलाव के 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा। इसकी वजह से रिवर्स रेपो दर भी 5.75 फीसदी के पूर्व स्तर पर जस की तस रही। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह चार प्रतिशत पर कायम है।

रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्प अवधि के लिए ऋण देता है, जबकि रिवर्स रेपो वह दर होती है, जो रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि के लिए जमा राशि पर ब्याज के रूप में देता है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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