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पठानकोट हमला : शरीफ ने आईबी जांच के आदेश दिए
इस्लामाबाद| प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पठानकोट हमले के संबंध में भारत से सबूत मिलने के बाद मामले की इंटेलिजेंस ब्यूरो से जांच कराने के आदेश दिए हैं। रपट में कहा गया है कि शरीफ ने यहां गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो को जांच के आदेश दिए। इस बैठक में वित्तमंत्री इशाक डार, गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान, विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज, विदेश मामलों पर विशेष सहायक तारिक फातमी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नासिर खान जांजुआ, विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी और इंटेलीजेंस ब्यूरो के प्रमुख आफताब सुल्तान ने हिस्सा लिया।
रपट में कहा गया है, “अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री और सहयोगियों ने भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूत की जांच शुरू करने पर सहमति जताई है।”शरीफ ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब कुछ ही घंटे पहले भारत ने कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित सचिव स्तर की वार्ता पठानकोट हमले के संदिग्धों के खिलाफ इस्लामाबाद की कार्रवाई पर पर निर्भर होगी। संदिग्ध छह पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पठानकोट वायुसेना अड्डे पर दो जनवरी को हमला कर दिया था। बाद में सुरक्षा बलों द्वारा जबावी कार्रवाई में सभी छह आतंकवादी मारे गए थे। इस दौरान सात सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए थे।
आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच फोन पर बात हुई थी। भारत ने कहा है कि उसने इस हमले के बारे में पाकिस्तान को कार्रवाई करने लायक पर्याप्त सबूत दिए हैं और शरीफ हमले से जुड़े संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। द नेशन ने लिखा है कि भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूत इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख आफताब सुल्तान को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दिए गए हैं। शरीफ ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने को तैयार है।
शरीफ ने एनएसए नासिर खान जांजुआ को निर्देश दिया कि भारत के साथ शुरू हुई संवाद प्रक्रिया को पटरी पर बनाए रखने के लिए भारतीय एनएसए अजीत डोभाल के साथ संपर्क बनाए रखें। एक अन्य अधिकारी ने हालांकि कहा कि भारत की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी पर्याप्त नहीं है, क्योंकि इसमें सिर्फ कुछ टेलीफोन नंबर ही हैं। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान भारत से अतिरिक्त सबूत मांग सकता है।उन्होंने कहा, “हमें कार्रवाई के लिए मामला बनाने हेतु ठोस सबूत चाहिए। अन्यथा संदिग्ध न्यायालय से जमानत पर रिहा हो जाएंगे।”
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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