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मानहानि केस में सांसद संजय राउत को मुंबई की शिवड़ी कोर्ट ने सुनाई सजा, 15 दिन की जेल और 25 हजार का जुर्माना

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मुंबई। मानहानि केस में सांसद संजय राउत को दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने उन्हें 15 दिन की जेल की सजा और 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा किरीट ने राउत के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मेधा ने उन पर 100 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा दायर किया था। मेधा सोमैया की अर्जी पर मुंबई के शिवड़ी कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शिवसेना सांसद को इस मामले में दोषी पाया।

क्या है पूरा मामला

मामला साल 2022 का है। संजय राउत ने मेधा सोमैया पर मुलुंड में शौचालय घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद किरीट सोमैया ने संजय राउत को इस आरोप का सबूत देने की चुनौती दी थी। मगर संजय राउत द्वारा कोई सबूत नहीं देने पर मेधा सोमैया ने संजय राउत के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सोमैया ने आरोप लगाया कि राउत ने अगले दिन 16 अप्रैल को आरोपों को दोहराते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इंटरव्यू दिया। उन्होंने अपने दावों के समर्थन में अदालत को राउत के इंटरव्यू की वीडियो क्लिप सौंपी। सोमैया ने कहा कि आरोपों को प्रमुख समाचार चैनलों द्वारा व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था। हमारी छवि को खराब करने की कोशिश की गई।

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नेशनल

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की बड़ी मांग, सरकार को जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर जातीय जनगणना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. बीते बुधवार को उन्होंने देश भर में जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर जोर देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया से प्राप्त आंकड़ों से समाज के उन वर्गों की वास्तविक आबादी जानने में मदद मिलेगी, जिन्हें और अधिक उत्थान की आवश्यकता है.

चिराग पासवान ने क्या कहा

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है – जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए, क्योंकि उस समुदाय के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई नीतियां जाति के आधार पर बनाई जाती हैं. सरकार के पास कम से कम उस समुदाय की जनसंख्या का आंकड़ा तो होना ही चाहिए, ताकि उसके अनुसार धन आवंटित किया जा सके

उन्होंने कहा, “हमारी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्राथमिकताएं समाज के उस वर्ग के लिए हमारी चिंताएं हैं जिसका हम प्रतिनिधित्व करते हैं. अगर उस वर्ग के साथ अन्याय होता है तो हमारी पार्टी की जिम्मेदारी है कि हम उस वर्ग की आवाज बनें

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