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प्रादेशिक

75,000 महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए कई ट्रेडों में किया जाएगा प्रशिक्षितः सिद्धार्थनाथ सिंह

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए 75000 महिलाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रत्येक जिले में 1000 महिलाओं को ट्रेनिंग दी जायेगी। इसके साथ ही सभी 75 जनपदों के ओडीओपी उत्पादों पर आधारित डाक टिकट भी जारी कराये जाने की योजना है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के सुदूर ग्रामीण अंचलों में बनने वाले उत्पादों को एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के बैनर तले बेचने की योजना बनाई जाय। साथ-साथ एक्सप्रेस-वे किनारे ओडीओपी स्टाल खोलने की रूपरेखा भी तैयार कराई जाए।

सिंह खादी भवन में एमएसएमई विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर एमएसएमई राज्य मंत्री चौधरी, उदयभान सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विभाग पिछले वर्ष प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत ऋण वितरण कराने में प्रथम स्थान पर था। इस वर्ष भी उत्तर प्रदेश ऋण वितरण में पहले स्थान पर रहना चाहिए। उन्होंने का कहा कि राज्य सरकार ने निवेश को प्रोत्साहित करने एवं उद्यमियों की सुविधा हेतु उद्यम स्थापना के लिए 72 घण्टे में एनओसी जारी करने की व्यवस्था बनाई है। इसके अन्तर्गत 853 उद्यमियों को 72 घण्टे में एनओसी भी जारी की जा चुकी है। उन्होंने निर्देश दिए अधिकारी यह सुनिश्चित करें उद्यमियों के आवेदन आने के 72 घण्टे के भीतर एनओसी जारी होनी चाहिए। इसमें लापरवाही पाये जाने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आवंटित बजट का सदुपयोग सयम से सुनिश्चित होना चाहिए। बजट सरेंडर की दशा में जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे। समय से बजट जारी किये गये हैं।

अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार, पीएमईजीप तथा ओडीओपी योजनाओं में 100 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य को प्राप्त किया गया है। यह सफलता लगातार बैंकों से समन्वय कर प्राप्त की गई है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ होने पर इस गति को कम होने नहीं दिया गया है। इस वर्ष जनपद स्तर पर कर्मियों का स्थानान्तरण मेरिट के आधार पर स्थानान्तरण किया गया है। वर्ष 2011 से अधूरे क्लस्टर प्रोजेक्ट को पूरा कराया गया है। प्रदेश में फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना को बढ़ावा भी दिया जा रहा है। साथ ही औद्योगिक आस्थानों में अभियान चलाकर मूलभूत सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है।

डा0 सहगल ने कहा कि पिछले वर्ष विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत 20 हजार लक्ष्य के सापेक्ष 41 हजार कारीगरों की टेªनिंग कराई गई। आगामी 17 सितम्बर विश्कर्मा जयंती के अवसर पर 21 हजार कुम्हारों को टूल किट और 11 हजार कारीगरों में ऋण वितरण कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के लिए 42 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। 16 हजार ओडीओपी कारीगरों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। चार हजार से अधिक कारीगरों का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जेम पोर्टल पर वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद में इस वर्ष भी देश मंे नम्बर वन है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मात्र चार महीने के अंदर 3252 करोड़ की सरकारी खरीद जेम पोर्टल से की जा चुकी है। जेम पोर्टल से खरीद में आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु सभी विभागों की ऑनलाइन टेªनिंग कराई जायेगी।

उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

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