उत्तर प्रदेश
समाजसेवी विशाल सिंह फूडमैन ने बढ़ाया लखनऊ का मान, केंद्रीय मंत्री के हाथों मिला ये बड़ा सम्मान
लखनऊ। शहर के प्रसिद्ध समाज सेवी विशाल सिंह फूडमैन ने एक बार फिर नवाबों की नगरी का मान बढ़ाया है। इस बार फूडमैन विशाल सिंह को “अमेजिंग इंडियाज अवॉर्ड 2024” में फूड मैनेजमेंट एंड न्यूट्रीशन की कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार दिया गया है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीवचंद्र शेखर ने दिल्ली के ताज पैलेस में आयोजित एक भव्य समारोह में उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा। विजयश्री फाउंडेशन के प्रबंधक फूडमैन विशाल सिंह पिछले 17 वर्षों से लखनऊ और वाराणसी के बड़े अस्पतालों में प्रतिदिन 1000 से अधिक तीमारदारों को नि:शुल्क भोजन प्रसाद और स्वच्छ रैन बसेरों की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। इसके साथ ही, कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए खिलौने, झूले और गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास रूम का भी आयोजन किया है।
कोरोना महामारी में अतुलनीय योगदान
कोरोना महामारी के समय जब मानवता संकट में थी, फूडमैन विशाल सिंह ने अपनी टीम के साथ 24 घंटे बिना रुके सेवा की। उन्होंने भूख से तड़पते बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और गर्भवती महिलाओं के लिए हर संभव मदद की। उन्होंने ऑक्सीजन रेगुलेटर की कमी के चलते नल की टोटी से ऑक्सीजन बनाने का आविष्कार किया, जिससे कई जीवन बचाए गए।भूख मुक्त भारत का सपना अपने संबोधन में विशाल सिंह ने भारत को भूख मुक्त बनाने के अपने सपने को साझा किया। उन्होंने कहा कि देश की बढ़ती आबादी और गरीबी के कारण हंगर इंडेक्स में गिरावट हो रही है। उनका मानना है कि यदि हर व्यक्ति प्रतिदिन एक मुट्ठी राशन दान करे, तो भूख मुक्त भारत का सपना साकार हो सकता है।
पुण्यों का फिक्स डिपॉजिट
फूडमैन विशाल सिंह ने मानवीय सेवा को “पुण्यों का फिक्स डिपॉजिट” नाम दिया है। उन्होंने कहा कि इस कलयुग में, यदि हम ईश्वर के आशीर्वाद को प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें जरूरतमंद लोगों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने मानवता के दीपक को जलाए रखने के लिए राशन दान की आवश्यकता पर जोर दिया।
सरकार और समाज का समर्थन
केंद्रीय मंत्री किरण रिजजू ने फूडमैन विशाल सिंह को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और आश्वासन दिया कि सरकार इस मुहिम को मजबूत करेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीवचंद्र शेखर ने भी इस पुनीत कार्य में अपना समर्थन देने का वादा किया।दानवीरों और शुभचिंतकों का आभारफूडमैन विशाल सिंह ने इस सम्मान को अपने सहयोगी सेवादारों, दानवीरों और शुभचिंतकों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि उनके विश्वास और समर्थन के बिना यह संभव नहीं था। उन्होंने विजयश्री फाउंडेशन की सफलता और भूख मुक्त भारत बनाने के अभियान में साथ देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
समर्पण और सेवा का संकल्प
फूडमैन विशाल सिंह ने उम्मीद जताई कि भारत को भूख मुक्त बनाने और बच्चों में शिक्षा का दीपक जलाने के इस नेक कार्य में समाज का सहयोग उन्हें प्राप्त होता रहेगा। उन्होंने सभी से इस अभियान में योगदान देने की अपील की, ताकि मानवता के इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाया जा सके।
उत्तर प्रदेश
अखिलेश यादव का योगी सरकार पर निशाना, कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे का हिस्सा नहीं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पीसीएस-प्री और आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रयागराज में जमकर प्रदर्शन किया। लोकसेवा आयोग के दफ्तर के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अभ्यर्थियों को खदेड़ दिया था। इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में का हिस्सा नहीं है।
उन्होंने कहा कि माहौल ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हो चुका है। आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर यही है कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा। नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार। भाजपा सरकार नहीं धिक्कार है। अयोग्य लोगों का अयोग्य आयोग’ नहीं चाहिए।
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवार वाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरीपेशा, पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहलावे-फुसलावे में आनेवाला नहीं। अब तो व्हाट्सएप ग्रुप के झूठे भाजपाई प्रचार के शिकार अभिभावकों को भी समझ आ गया है कि अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए भाजपा ने कैसे उनका भावनात्मक शोषण किया है। अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं और बांटने वाली साम्प्रदायिक राजनीति को नकारकर ‘जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति’ को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।
अखिलेश ने कहा कि अब सब समझ गये हैं, भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होनेवाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।
उन्होंने कहा कि अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोज़र चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफ़ी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर, अपने घरों में छुपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के ग़ुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गये हैं। आंदोलनकारी युवा ऊँची आवाज़ में पूछ रहे हैं ‘अब कहाँ गायब हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के नेता और कार्यकर्ता?’ क्या ये सिर्फ़ समाज को बाँटने के लिए बाहर निकलते हैं। जिस समय छात्रों की आवाज में आवाज मिलाने का समय है, उस समय ये भाजपाई, कहीं दबे-छिपे काट रहे हैं सत्ता की मलाई। सपा प्रमुख ने कहा कि नकारात्मक भाजपा और उसकी नकारात्मक झूठी राजनीति का समय पूरा हो गया है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।
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