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आध्यात्म

अक्टूबर महीने में कुछ राशियों का होगा भाग्योदय, जानें अपना मासिक राशिफल

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नई दिल्ली। अक्टूबर महीने में चार ग्रहों का राशि परिवर्तन होना है। जिसके चलते ज्योतिष गणना के अनुसार कुछ राशियों के लिए यह लाभकारी साबित हो सकता है। इस माह कुछ राशि वालों के लंबे समय से अटके काम पूरे हो सकते हैं और भाग्योदय की संभावनाएं हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,  अक्टूबर महीने में सबसे पहले 2 अक्टूबर को बुध मार्गी होंगे और फिर मंगल राशि परिवर्तन करेंगे। इसके बाद सूर्य और फिर 18 अक्टूबर को शुक्र का गोचर होगा। इस महीने शनि भी अपनी चाल में परिवर्तन करेंगे।

जानें अक्टूबर का महीना किन राशियों के लिए लाभकारी होगा-

मेष- मेष राशि के जातक अक्टूबर महीने में अपनी वाणी पर संयम बरतें। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों को शुभ समाचार मिल सकता है। क्रोध के कारण नौकरी में बदलाव न करें। कार्यस्थल पर मुश्किलें आ सकती हैं।

वृषभ- अक्टूबर महीने में वृषभ राशि के जातकों को शुभ समाचार मिल सकता है। यह महीना आपके लिए खुशियों की सौगात ला सकता है। कारोबारियों को मुनाफा होगा। नौकरी पेशा करने वाले जातकों को मनमुताबिक उन्नति मिल सकती है।

मिथुन- अक्टूबर माह में मिथुन राशि वालों की कोई बड़ी बाधा दूर हो सकती है। इस दौरान पैतृक संपत्ति की प्राप्ति के योग भी बनेंगे। यह महीना आपके लिए सफलताओं भरा साबित हो सकता है। इस दौरान अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखें।

कर्क- कर्क राशि वालों के जीवन से अक्टूबर माह में अड़चनें दूर होंगी। इस दौरान आपको प्रगति के रास्ते खुलेंगे। हालांकि इस महीने आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।  जीवनसाथी की सेहत का ख्याल रखें।

सिंह- सिंह राशि वालों के लिए अक्टूबर महीना अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता हैष इस दौरान आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा। करियर में नई उपलब्धियां हासिल हो सकती हैं। किसी खास व्यक्ति से मुलाकात संभव है। पारिवारिक जीवन खुशहाल रहेगा।

कन्या- कन्या राशि वालों के लिए अक्टूबर महीना मिलाजुला रहने वाला है। इस दौरान आपको अपने कार्यों में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। यात्रा से लाभ मिल सकता है। कार्यस्थल पर लोगों के साथ तालमेल मिलाकर रखें।

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तुला- तुला राशि वालों के लिए अक्टूबर माह बेहद लाभकारी रहने वाला है। इस माह आपको सौभाग्य का पूरा साथ मिलेगा। कार्यस्थल पर आपको अपने काम की तारीफ मिल सकती है। आय के नए साधन बनेंगे। किसी खास मित्र से मुलाकात संभव है।

वृश्चिक- वृश्चिक राशि वालों के लिए अक्टूबर महीना बेहद शुभ रहने वाला है। इस दौरान आपको आकस्मिक धन लाभ हो सकता है। धन में वृद्धि संभव है। परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा। आत्मविश्वास से भरे रहेंगे।

धनु- धनु राशि वालों के लिए अक्टूबर महीना थोड़ा उतार-चढ़ाव वाला साबित हो सकता है। माह की शुरुआत में आपको सफलता हासिल होगी। इस महीने किसी भी काम को करने से पहले अच्छे से सोच-विचार जरूर करें। नौकरी पेशा करने वाले जातकों को प्रमोशन मिल सकता है।

मकर- मकर राशि वालों के लिए अक्टूबर का महीना उतार-चढ़ाव वाला रहने वाला है। माह की शुरुआत में आपको थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। किसी बड़े खर्च के कारण मन परेशान रह  सकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले जातकों को अधिक मेहनत की जरूरत रहेगी।

कुंभ- कुंभ राशि वालों के लिए अक्टूबर माह उतार-चढ़ाव भरा रहने वाला है। इस महीने आपके दिल को ठेस लग सकती है। कारोबार व नौकरी में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नौकरीपेशा करने वाले जातकों को काम का बोझ बढ़ सकता है। निवेश करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है।

मीन- मीन राशि वालों के लिए अक्टूबर माह बेहद लाभकारी रहने वाला है। इस महीने आपको अपने परिजनों का पूरा सहयोग मिलेगा। इस दौरान आपको मनचाहा अवसर मिलेगा। नौकरी पेशा करने वाले जातकों को आय में वृद्धि मिल सकती है। लव लाइफ अच्छी रहेगी।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी के पूर्ण सत्य होने का हमारा दावा नहीं है। कृपया अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

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महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

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