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सोनिया गांधी करती रहेंगी कांग्रेस पार्टी की अगुवाई, CWC मीटिंग की 10 अहम बातें

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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद रविवार को CWC की बैठक हुई। बैठक से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार कांग्रेस के नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है, लेकिन कांग्रेस ने पुष्टि कर दी कि वो अभी सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही आगे बढ़ेगी।

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

1-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने जानकारी दी कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने परिवार के सदस्यों के साथ पार्टी के लिए बलिदान देने को तैयार हैं, लेकिन हम सभी ने इसे खारिज कर दिया. एनडीटीवी ने भी ये खबर दी थी कि कांग्रेस की बैठक में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस्तीफे की पेशकर करेगा। जिसकी पुष्टि बाद में कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने भी कर दी।

2-कांग्रेस ने कहा, “सीडब्ल्यूसी की बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि सोनिया गांधी ही पार्टी की अगुवाई करेगी। इसलिए पार्टी उनके नेतृत्व में अपने विश्वास की पुष्टि करती है और कांग्रेस अध्यक्ष से आगे बढ़कर नेतृत्व करने, संगठनात्मक कमजोरियों को दूर करने, राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक और व्यापक संगठनात्मक परिवर्तनों को प्रभावित करने का अनुरोध करती है।”

3-सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद पार्टी ने यह भी कहा कि वह संसद का बजट सत्र समाप्त होने के बाद संगठनात्मक चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए “चिंतन शिविर” (विचार-मंथन सत्र) आयोजित करेगी। जिसमें कई अहम मसलों पर चर्चा की जाएगी।

4-एक जानकारी के मुताबिक बैठक में 50 से अधिक नेताओं ने भाग लिया – यह संख्या उन पांच राज्यों के कांग्रेस के विधायकों और सांसदों की संयुक्त संख्या से अधिक है जहां चुनाव हुए थे। जिनमें उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब शामिल है।

5-कांग्रेस की हार के बाद सोनिया गांधी को एक पत्र लिखे गए एक पत्र में संगठनात्मक परिवर्तनों और एक जवाबदेह नेतृत्व की मांग फिर से जोर पकड़ रही थी। आपको बता दें पहली बार दो साल पहले 23 असंतुष्टों नेताओं अपनी बात रखी थी। जिसे बाद में जी -23 के नाम से भी पहचाना गया।

6-इस बार कांग्रेस को पांचों राज्यों में हार का सामना करना पड़ा. नतीजतन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भी चर्चा होने लगी। खासकर पंजाब की हार की वजह राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के फैसलों को माना जा रहा है।

7-सीडब्ल्यूसी में “जी-23” से केवल तीन सदस्य पहुंचे. जिनमें आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद और मुकुल वासनिक शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद ने बैठक में खुलकर अपनी बात रखी।

8-राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष होना चाहिए। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “पिछले तीन दशकों से, गांधी परिवार से कोई भी पीएम या मंत्री नहीं बना। यह समझना महत्वपूर्ण है कि गांधी परिवार कांग्रेस की एकता के लिए जरूरी है।”

9-इस बार, कांग्रेस ने न केवल पंजाब में सत्ता गंवाई। वहीं गोवा और मणिपुर में भी उसे हार झेलनी पड़ी जबकि इस वक्त इन सभी राज्यों में कांग्रेस का दबदबा था। उत्तर प्रदेश में, उसने केवल दो सीटें जीतीं और उसका वोट प्रतिशत घटकर केवल 2.4 प्रतिशत रह गया।

10-विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त झेलने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कई मसलों पर बातचीत हुई। बैठक से पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस के कई असंतुष्ट धड़े के नेताओं ने सांगठनिक बदलाव की मांग की है।

नेशनल

आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

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मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं झारखंड में परिणाम बीजेपी को निराश करने वाले हैं। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।विभिन्न राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा की इस जीत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर जाएंगे। शाम में पीएम मोदी महाराष्ट्र में भाजपा+ की जीत और उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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