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उत्तर प्रदेश

छलका अखिलेश यादव का गम, लिखा- बिन सूरज के उगा सवेरा

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अखिलेश यादव

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लखनऊ/सैफई। पिता के जाने का गम अखिलेश यादव के चेहरे पर साफ दिखा। मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार के बाद सपा मुखिया ने रात और सुबह की दो फोटो के साथ एक ट्वीट किया किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “आज पहली बार लगा… बिन सूरज के उगा सवेरा.”।

पोस्ट में दो फोटो भी उन्होंने लगाई हैं। पहली फोटो मुलायम के अंतिम संस्कार के अंत यानी अंधेरे की है और दूसरी फोटो सुबह सूरज उगने के बाद अस्थियां चुनने के दौरान की है।

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पंचतत्व में विलीन हुए मुलायम, अखिलेश ने दी मुखाग्नि

मुलायम का पार्थिव शरीर सैफई के मेला ग्राउंड पंडाल पहुंचा, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा लोगों का हुजूम

इससे पूर्व सपा संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव 11 अक्तूबर की दोपहर पंचतत्व में विलीन हो गए। अखिलेश ने पिता मुलायम को मुखाग्नि दी। उनकी आंखें भर-भर आ रही थीं, लेकिन लोगों को सांत्वना देते ही उनके आंसु जाते थे। पिता मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार के बाद बुधवार सुबह अखिलेश यादव ने गमभरा ट्वीट किया।

शिवपाल ने दी अखिलेश को सांत्वना

चाचा शिवपाल यादव को अखिलेश यादव के कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना देते देखा गया, इस दौरान अखिलेश यादव फफक-फफक कर रो पड़े। परिवार के मुखिया के सदा के लिए विदा होने से दु:खी परिजनों का दुख देर रात फूट पड़ा।

दिन भर सब्र साधे रहे परिजन अंतत फूट फूट कर रो पड़े। देर रात धर्मेंद्र यादव बिलखते दिखाई दिए तो डिंपल यादव भी रोईं। वे परिवार की महिलाओं के गले लग कर रोती रहीं।

मेला ग्राउंड पर अंतिम संस्कार

सैफई में यादव परिवार की कोठी से करीब 500 मीटर दूर मेला ग्राउंड पर अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पूर्व राष्ट्रीय सम्मान के साथ तिरंगे में लाए गए उनके पार्थिव शरीर को मंत्रोच्चार के बीच वैदिक रीति से स्नान कराया गया। चंदन की चिता पर सोए मुलायम के अंतिम दर्शन के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा लोग सैफई पहुंचे।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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