ऑफ़बीट
भारत के इस मंदिर पर पाकिस्तान ने गिराए हजारों बम, माता के चमत्कार पर अब तक हैरान हैं पाकिस्तानी
नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाक पर एयर स्ट्राइक कर कई आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद से ही दोनों देशों की सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है।
इसी बीच हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने वाले है जहां कभी पाकिस्तान ने हजारों बम गिराए थे, लेकिन हैरानी की बात तो ये थी कि उनका एक भी बम नहीं फटा। इसके पीछे की वजह जानकर आपके होश ही उड़ जाएंगे।
राजस्थान के जैसलमेर में तनोट राय माता का मंदिर है। यहां से पाकिस्तान की सीमा महज 20 किलोमीटर दूर है। कहते हैं कि युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने इस मंदिर के क्षेत्र में करीब 3000 बम गिराए थे, लेकिन मंदिर को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा।
भारतीय सेना और वहां के स्थानीय लोग इसे देवी मां का चमत्कार मानते हैं कि सभी जगह बम गिरने के बाद फटे, लेकिन इस मंदिर में एक भी बम नहीं फटा और इसे आंच तक नहीं आयी। इस घटना के बाद से ही भारतीय सीमा सुरक्षा बल तनोट माता को अपनी आराध्य देवी मानते हैं। सेना के जवान ही मंदिर की देखरेख भी करते हैं।
मंदिर परिसर में 400 से ज्यादा पाकिस्तानी बम आम लोगों के देखने के लिए रखे हुए हैं जिन्हें देखने के लिए भारी संख्या में लोग आते है। तनोट माता के इस मंदिर के रख-रखाव का काम भारतीय सीमा सुरक्षा बल ही करती है। यहां भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद में एक विजय स्तंभ का भी निर्माण किया गया है। ये स्तंभ भारतीय सैनिकों की वीरता की याद दिलाता है।
तनोट माता का मंदिर जिस इलाके में है, वो इलाका बेहद ही संवेदनशील माना जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपने साथ अपना परिचय पत्र लेकर जरूर आते हैं, क्योंकि ऐसा न करने पर उन्हें सीमा सुरक्षा बल की कड़ी जांच का सामना करना पड़ता है।
रिपोर्ट-मानसी शुक्ला
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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।
परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।
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