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खेल-कूद

सौभाग्यशाली है एशियाई खेलों का वो रजत पदक जो आएगा रायबरेली की बेटी के घर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले की उड़नपरी सुधा सिंह ने 18वें एशियाई खेलों में रजत पदक हासिल करके न केवल एशियाई खेलों में अपना दूसरा पदक जीता बल्कि भारत का नाम पूरे विश्व में रौशन किया है। सुधा के करियर का यह 39वां पदक है।

सुधा का मूल निवास वैसे तो रायबरेली जनपद में है, लेकिन जन्म अमेठी ज़िले के भीमी गाँव में एक मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ। एशियाई खेलों में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज रेस में सिल्वर मेडल जीता। सुधा ने इस रेस को खत्म करने के लिए मात्र नौ मिनट 40.03 सेकंड का समय लिया।

सुधा के भाई प्रवेश नारायण सिंह ने उनकी इस मुकाम तक पहुंचने में बहुत मदद की। बचपन से ही खेल के प्रति जुझारू रही सुधा ने अपनी शिक्षा रायबरेली जिले के दयानंद गर्ल्स इंटर कॉलेज से पूरी की।

एथलेटिक्स के क्षेत्र में सुधा की शुरुआत वर्ष 2003 में लखनऊ के स्पोर्ट्स कॉलेज से हुई। स्टेपल चेज़ (एक प्रकार की दौड़) की खिलाड़ी रही सुधा ने अपनी कामयाबी के बीच किसी को भी आने नहीं दिया। यही वजह है कि 14 वर्ष में ही उन्हें अपना पहला पदक मिल गया।

सुधा के पिता हरिनारायण सिंह रायबरेली की आईटीआई फैक्ट्री में काम कर चुके हैं। सुधा के एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन से वो बहुत खुश हैं।

रायबरेली ज़िले में सुधा सिंह के कारण आज किशोरियों का रूझान खेल की तरफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है। सुधा की सफलता अब स्थानीय लड़कियों की उम्मीद बन रही हैं।

सुधा के बारे में उनके भाई प्रवेश नारायण का कहना है कि सुधा यहां की लड़कियों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। वो जब भी घर आती हैं, उनसे मिलने वालों की लाइन लगी ही रहती हैं। सुधा की देखा-देखी अब यहां की लड़कियों ने भी सुबह सुबह दौड़ना शुरू कर दिया है। सुधा चाहतीं हैं कि वो वापस आकर यहां की लड़कियों के लिए एक छोटी सी ट्रेनिंग एकेडमी भी खोलें।

एथलीट सुधा सिंह की प्रमुख उपलब्धियां-

वर्ष 2003 — शिकागों में जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
वर्ष 2004 — कल्लम मे जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक। 
वर्ष 2005 — चीन में जूनियर एशियन क्रॉस कंट्री प्रतियोगिता में चयन।
वर्ष 2007– नेशनल गेम्स में पहला स्थान ।
वर्ष 2008 — सिनियर ओपन नेशनल में पहला स्थान।
वर्ष 2009 — एशियन ट्रैक एंड फील्ड में दूसरा स्थान।
वर्ष 2010 — एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक।
वर्ष 2014 — एशियन गेम्स में कांस्य पदक।
वर्ष 2015 —  रियो ओलंपिक में चयन।
वर्ष 2016 —  आईएएएफ (आईएएएफ) डायमंड लीग मीट में नेशनल रिकॉर्ड (9:25:55) को तोड़ते हुए इतिहास रचा।

(Input- Live Uttrakhand/ Report – Devanshu Mani Tiwari)

ऑफ़बीट

IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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