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ऑफ़बीट

जहां एंटीबायोटिक फेल वहां काम करेगी चीनी, भरेगी घाव

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अभी तक हम सुनते आए हैं कि चीनी हमारी सेहत के लिए खतरनाक होती है लेकिन जिम्बाब्वे के हेल्थ एक्सपर्ट मोजेज मुरांडू ने दावा किया है कि चीनी हमारे जख्मों को तेजी से भरने में सहायक है। इतना ही नहीं मोजेज का यह भी कहना है कि चीनी उन जख्मों को भी भरने में कारगर है जहां आधुनिक एंटीबायोटिक फेल हो गई हैं। मार्च 2018 में उन्हें जर्नल ऑफ वुंड केयर ने सम्मानित भी किया है।

चीनी का नुस्खा है सदियों पुराना

चीनी का औषधीय उपयोग मोजेेज की अपनी खोज नहीं है बल्कि वह जिम्बाब्वे में सदियों से चला आ रहा है एक किस्म का दादी-नानी का नुस्खा है। मोजेज कहते हैं कि जब बचपन में उन्हें कहीं चोट लग जाती थी तो उनके पिता घाव पर नमक या चीनी डाल देते थे और घाव भर जाता था। पर उन्होंने गौर किया कि चीनी घाव जल्दी भरती है।

साल 1997 में जब मोजेज ब्रिटेन की यूके नेशनल हेल्थ सिस्टम में नर्स के तौर पर काम करने आए तो उन्होंने गौर किया कि यहां कोई घाव भरने के लिए कोई चीनी का इस्तेमाल ही नहीं करता। पर उन्होंने ठान लिया कि वह अपने इस तरीके को यहां भी लागू करने की कोशिश करेंगे।

चीनी ऐसे भरती है घाव

हेल्थ एक्सपर्ट मोजेज मुरांडू

घावों को चीनी के जरिए ठीक करने का तरीका भी बड़ा सरल है। मुरांडू घाव पर चीनी डालकर उसके ऊपर पट्टी बांध देते हैं। चीनी घाव में मौजूद नमी को सोख लेती है। यही नमी बैक्टीरिया को पनपाने के लिए जिम्मेदार होती है। नमी के अभाव में बैक्टीरिया पनप नहीं पाते और शरीर अपनी स्वाभाविक क्रिया के तौर पर घाव को भर देता है।

मुरांडू ने यह तरीका कई मरीजों पर इस्तेमाल किया और उत्साहवर्धक परिणाम आए। फिलहाल वे 41 मरीजों पर अपना क्लीनिकल ट्रायल कर चुके हैं। इसके नतीजे अभी तक प्रकाशित नहीं किए गए हैं लेकिन वह उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में इसे प्रस्तुत कर चुके हैं। उनकी यह पहल इस मायने में बहुत अहम है कि जिन देशों या समाज में बहुत गरीबी है और वे महंगे एंटीबायोटिक का खर्चा नहीं उठा सकते वहां चीनी का इस्तेमाल करके घावों का समय रहते इलाज किया जा सकेगा।

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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