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Surgical Strike Part 2: कई पाकिस्तानी चौकियां तबाह, सबूत भी सौंपे

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नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike Part 2) की कार्रवाई करते हुए अपने जवानों का शहादत का बदला ले लिया है। पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक के आठ महीने बाद सेना ने मंगलवार को दावा किया कि सीमा पार से हमला रोकने के लिए आतंकवाद-रोधी रणनीति के तहत हालिया कार्रवाई में जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटी पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट कर दिया गया। सेना ने सबूत के रूप में एक वीडियो क्लिप साझा किया, जिसमें एक जंगली इलाके में बमबारी और विस्फोट के बाद धुआं उठता दिख रहा है।

पाकिस्तानी सेना ने हालांकि राजौरी जिले के नौशेरा सीमा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर हमले के दावे को खारिज किया है। वहीं, भारतीय सेना की रणनीति का समर्थन करते हुए केंद्रीय वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के समीप पाकिस्तानी सेना की चौकियों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई का सरकार समर्थन करती है और इससे ‘जम्मू एवं कश्मीर में शांति सुनिश्चित होगी।’

उन्होंने ट्वीट किया, “भारतीय सेना घाटी में आतंकवाद रोधी अभियान के तहत पहले से ही रक्षात्मक तथा संतुलित कार्रवाई को अंजाम दे रही है और नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ का समर्थन करने वाली पाकिस्तानी सेना की चौकियों को अलग-थलग कर रही है।”

भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि सीमा पार से हमला रोकने के लिए आतंकवाद-रोधी रणनीति के तहत जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटी पाकिस्तानी सेना की कई चौकियों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया गया।

रक्षा मंत्रालय के बाहर मेजर जनरल अशोक नरूला ने कहा कि इस अभियान को पाकिस्तानी सेना को करारा जवाब देने के लिए अंजाम दिया गया, जो भारत में घुसपैठ में आतंकवादियों का सहयोग करती है।

उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात हमारे जवानों को गोलीबारी में उलझाकर सशस्त्र घुसपैठियों को घुसपैठ कराने में सहयोग कर रही है।”

मेजर जनरल नरूला ने कहा, “पाकिस्तानी सेना सशस्त्र घुसपैठियों की सहायता करती है.. नौशेरा (राजौरी जिले का सीमा सेक्टर) में हालिया कार्रवाई में हमने पाकिस्तानी सेना की कई चौकियों को तबाह कर दिया।”

यह पूछे जाने पर इन हमलों को कब अंजाम दिया गया? नरूला ने कहा कि यह ‘हाल का, बेहद हाल का’ अभियान है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी कवर फायर की आड़ में आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करने से रोकने के लिए सेना दंडात्मक हमलों को अंजाम दे रही है।

मेजर जनरल ने कहा, “नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में कार्रवाई की गई। यह हमारी आतंकवाद रोधी रणनीति का हिस्सा है, ताकि (राज्य में) आतंकवादियों की संख्या में कमी लाई जा सके और कश्मीरी युवा गलत राह न पकड़ें।”

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना इस बात से अवगत है कि बर्फ पिघलने के साथ ही घुसपैठ के प्रयास में वृद्धि होगी। मेजर जनरल नरूला ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों की मदद के लिए नागरिकों को भी निशाना बनाने से जरा भी नहीं हिचकिचाएग।

उन्होंने कहा, “कई बार उन्होंने (पाकिस्तानी सेना) नियंत्रण रेखा के निकट ग्रामीणों को निशाना बनाने में संकोच नहीं किया।” उधर, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, “नौशेरा में पाकिस्तानी चौकियों को ध्वस्त करने और पाकिस्तानी सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पास नागरिकों को निशाना बनाने का भारत का दावा बेबुनियाद है।”

भारतीय सेना की यह कड़ी कार्रवाई आठ महीने पहले सिंतबर में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लॉन्च पैड पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सामने आई है, जिसमें दर्जनों आतंकवादियों तथा उनके हमदर्दो को मार गिराया गया था। अधिकारी ने कहा, “भारतीय सेना नियंत्रण रेखा पर पूरी सक्रियता से तैनात है। हम जम्मू एवं कश्मीर में शांति चाहते हैं।”

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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