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उत्तराखंड

शंकराचार्य बोले सांईं भगवान नहीं, चाहे तो मुझे जेल भेज दो

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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, सांईं भगवान नहीं हैं, शिरडी ट्रस्ट की ओर से मुकदमा दर्ज

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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, सांईं भगवान नहीं हैं, शिरडी ट्रस्ट की ओर से मुकदमा दर्ज

swaroopanand saraswati

हरिद्वार। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि उन्हें जेल भी हो जाती है तो भी यही कहेंगे की सांईं भगवान नहीं हैं। 28 जून को साईं को भगवान न मानने के बयान के मामले में शंकराचार्य के खिलाफ शिरडी ट्रस्ट की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है।

गुरुवार को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में स्वामी स्वरूपानंद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह केस दर्ज होने के बाद न तो तारीख में जाएंगे और न ही इससे जुड़े किसी मामले में कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि हैदराबाद निवासी रमनानंद ने शास्त्रार्थ की चुनौती दी थी।

हमने अपना प्रतिनिधि भेजा तो उसे हनुमाननगर में कमरे में बंद कर दिया गया। चारों ओर पुलिस को बैठा दिया गया है। उसे आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। शंकराचार्य ने कहा कि शिरड़ी में सभी साईं के भक्त नहीं रहते हैं। सनातन धर्म के लोग भी शिरड़ी में विराजमान है।

शंकराचार्य ने सांईं ट्रस्ट द्वारा किए गए मुकदमे में सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे प्रकरण में मुझ पर ही निशाना साधा जा रहा है, जबकि 24 अगस्त को उज्जैन में हुई धर्म संसद में सांईं को भगवान न मानने का प्रस्ताव जब पारित किया गया तो चारों पीठ के शंकराचार्यों के प्रतिनिधि, 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, काशी विद्या परिषद से जुडे़ लोगों समेत कई साधु संत मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हम अकेले नहीं हैं हमारे साथ पूरा हिंदू समाज है।

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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