Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

शंकराचार्य बोले साईं के नाम से गंगा घाट नहीं बनेगा

Published

on

गंगा के सर्वानंद घाट के सामने साईं घाट, द्वारिका एवं ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, साईं मुस्लिम थे

Loading

गंगा के सर्वानंद घाट के सामने साईं घाट, द्वारिका एवं ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, साईं मुस्लिम थे

swaroopanand saraswati

हरिद्वार। गंगा के सर्वानंद घाट के सामने साईं घाट बनाए जाने का द्वारिका एवं ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि साईं घाट बनाने का हरिद्वार में कोई औचित्य नहीं है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि साईं का गंगा से कोई लेना देना नहीं है। साईं गंगा के भक्त कभी नहीं रहे। यह साबित हो चुका है कि साईं मुस्लिम थे।

हरिद्वार के बॉयलॉज के मुताबिक किसी मुस्लिम की मूर्ति या उनके नाम पर कोई स्थान नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे में साईं के नाम से गंगा जैसी पवित्र नदी और हरिद्वार तीर्थनगरी में साईं घाट नहीं बनाने देना चाहिए।

उन्होंने हरिद्वार के साधु-संत पुरोहितों से भी आह्वान किया कि ऐसे घाट या जिस व्यक्ति का हरिद्वार से कोई नाता नहीं रहा तो उसकी मूर्ति भी नहीं लगाने देना चाहिए। गैर धार्मिक गतिविधियों का विरोध करना चाहिए।

 

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending