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उत्तराखंड

शंकराचार्य बोले साईं के नाम से गंगा घाट नहीं बनेगा

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गंगा के सर्वानंद घाट के सामने साईं घाट, द्वारिका एवं ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, साईं मुस्लिम थे

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गंगा के सर्वानंद घाट के सामने साईं घाट, द्वारिका एवं ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, साईं मुस्लिम थे

swaroopanand saraswati

हरिद्वार। गंगा के सर्वानंद घाट के सामने साईं घाट बनाए जाने का द्वारिका एवं ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि साईं घाट बनाने का हरिद्वार में कोई औचित्य नहीं है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि साईं का गंगा से कोई लेना देना नहीं है। साईं गंगा के भक्त कभी नहीं रहे। यह साबित हो चुका है कि साईं मुस्लिम थे।

हरिद्वार के बॉयलॉज के मुताबिक किसी मुस्लिम की मूर्ति या उनके नाम पर कोई स्थान नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे में साईं के नाम से गंगा जैसी पवित्र नदी और हरिद्वार तीर्थनगरी में साईं घाट नहीं बनाने देना चाहिए।

उन्होंने हरिद्वार के साधु-संत पुरोहितों से भी आह्वान किया कि ऐसे घाट या जिस व्यक्ति का हरिद्वार से कोई नाता नहीं रहा तो उसकी मूर्ति भी नहीं लगाने देना चाहिए। गैर धार्मिक गतिविधियों का विरोध करना चाहिए।

 

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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