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मुख्य समाचार

भाजपा का एजेंडा अपराधियों को जेल भेजने का है जबकि सपा का एजेंडा अपराधियों को विधान सभा भेजने का: स्वतंत्र देव सिंह

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लखनऊ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी ने अपना एजेंडा स्पष्ट करके उत्तर प्रदेश की भोली भाली जनता के लिए विकल्प चुनने का रास्ता आसान कर दिया। सपा ने अपने प्रत्याशियों की सूची से बता दिया कि अगले पांच वर्षों के लिए उनका एजेंडा वही है जो 2012 से 2017 के बीच था – माफियावाद, गुंडागर्दी और अपराध का माहौल और जनता बेहाल।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने एक बार फिर बताया है कि वह तुष्टिकरण के लिए आतंकवादियों का समर्थन करते रहेंगे, अपराधियों को टिकट देकर विधान सभा भेजेंगे, माफिया और गुंडों को अपनी गोद में बैठकर उनके कहे अनुसार सरकार चलाएंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह क्या समझते हैं, प्रदेश की जनता उनके हथकंडे समझती नहीं है। खूब समझती है बल्कि जनता को पिछले पांच सालों में भाजपा के सुशासन की आदत पड़ चुकी है और वह उसे फिर सत्ता सौपने का मन बना चुकी है।

स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सबने देखा किस तरह योगी सरकार ने माफिया और अपराधियों को जेल भेजा और प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया। 2017 से पहले की स्थिति से त्रस्त जनता ने पांच सालों में जाना और समझा कि शांतिपूर्ण ढंग से जीवन यापन कैसे किया जाता है। जनता अब फिर से सपा का शासन याद भी नहीं करना चाहेगी।

उन्होंने कहा सहारनपुर दंगों के आरोपी मास्टरमाइंड मोहर्रम अली पप्पू को पार्टी में शामिल कर क्या संदेश देना चाहती है सपा। कैराना से नाहिद हसन, धौलाना से असलम चौधरी, बुलंदशहर से हाजी यूनुस, मेरठ से रफीक अंसारी, लोनी से मदन भैया, स्याना से दिलनवाज को टिकट देकर समाजवादी पार्टी ने गुण्डाराज और दंगाराज कि वापसी कराने का अपना मंसूबा जाहिर कर दिया है। ऐसे लोग विधानसभा में जाएंगे तो जनता के लिए क्या काम करेंगे? इसका जवाब अखिलेश यादव जी को देना चाहिए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनता के सामने विकल्प बहुत साफ़ है क्योंकि भाजपा का एजेंडा अपराधियों को जेल भेजने का है जबकि सपा का एजेंडा अपराधियों को विधान सभा भेजने का।

नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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