मुख्य समाचार
योग अपनाएं, यह कोई धार्मिक गतिविधि नहीं : मोदी
चंडीगढ़| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां मंगलवार को दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हजारों लोगों को संबोधित करते हुए उनसे बेहतर शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग को अपनाने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘योग कोई धार्मिक गतिविधि नहीं’ है। इसके साथ ही देशभर में लाखों लोगों ने योग के साथ अपने दिन की शुरुआत की।मोदी ने चंडीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लेक्स में करीब 30,000 लोगों को योग करते देखा और उनके बीच भी गए। कैपिटल कॉम्प्लेक्स चंडीगढ़ के संस्थापक-वास्तुकार फ्रांसीसी ली कार्बुजियर के उत्कृष्ट निर्माणों में से एक है।मोदी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा, “जैसे अब मोबाइल फोन जिंदगी का एक अंग बन गए हैं, वैसे ही योग को भी अपनी जिंदगी का अंग बनाइए।”
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक जन आंदोलन बन गया है, जैसा दुनिया में कोई और नहीं है।संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने पिछले साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था।मोदी ने जोर देकर कहा कि योग कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है। यह मन को काबू करता है और एक स्वस्थ शरीर को बरकरार रखता है।उन्होंने कहा कि योग ने लोगों की एक अनुशासित जिंदगी जीने में मदद की है।मोदी बाद में मंच से नीचे आए और योग के शौकीन विशेष रूप से सक्षम लोगों से हाथ मिलाया।
कैपिटल कॉम्प्लेक्स में तड़के करीब चार बजे से लोगों का आना शुरू हो गया था।इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 96,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 30,000 से अधिक लोगों को चुना गया, जिनमें चंडीगढ़, पंजाब एवं हरियाणा तीनों जगहों से 10-10 हजार लोग आए थे।चंडीगढ़ के अति सुरक्षित इलाके सेक्टर-एक में स्थित आयोजन स्थल के इर्दगिर्द अभूतपूर्व सुरक्षा देखी गई। इलाके पर अर्धसैनिक कमांडो एवं सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर रही।
मुख्य कार्यक्रम के अलावा चंडीगढ़ में 100 अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ।वहीं, योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार सुबह हरियाणा के फरीदाबाद शहर में अपना रिकॉर्ड-तोड़ योग कार्यक्रम शुरू किया। आयोजकों ने कहा कि रामदेव के साथ 1,00,000 से अधिक लोगों ने योग किया, जिसने एक विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर दिया। पिछले साल पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मुख्य आयोजन दिल्ली स्थित राजपथ पर हुआ था।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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