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उत्तर प्रदेश

लक्ष्य जीरो पावर्टी: घुमंतू समुदाय को सरकारी सुविधाओं से जोड़ रही योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को देश का जीरो पावर्टी वाला राज्य बनाने की दिशा में जुटी योगी सरकार प्रदेश के सभी वंचित एवं गरीब तबके को तेजी के साथ सरकारी सुविधाओं से जोड़ रही है। इसमें घुमंतू समुदाय भी शामिल है, जो उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में घूम-घूमकर जीवन यापन करते हैं। इसी क्रम में सरकार ने लखनऊ के कलंदरखेड़ा में झुग्गी बनाकर निवास करने वाले घुमंतू समुदाय के परिवारों को जल्द ही बिजली, पानी, आवास आदि मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने का फैसला किया है। सरकार के इस कदम से घुमंतू समुदाय को प्रधानमंत्री आवास, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा। सरकार की इस मुहिम के तहत, प्रदेश के गरीब एवं वंचित तबके को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी मिलकर उन्हें सभी आवश्यक प्रमाणपत्र उपलब्ध करवा रहे हैं। सरकार के निर्णय से घुमंतू समुदाय के नागरिक काफी खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि सभी सरकारी सुविधाएं प्राप्त होने से उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।

कैंप लगाकर दिया जा रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने अधिकारियों के साथ कलंदरखेड़ा बस्ती का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय नागरिकों को आश्वस्त किया कि सरकार सभी को प्रधानमंत्री आवास का लाभ जल्द प्रदान करेगी, ताकि सभी परिवार बेहतर जीवन यापन कर सकें। साथ ही प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए जीरो पावर्टी के लक्ष्य को प्राप्त कर सके। असीम अरुण ने कुछ दिनों पहले इस बस्ती का निरीक्षण किया था और अधिकारियों को कैंप लगाकर यहां रहने वाले परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिए जाने का निर्देश दिया था। इस अवसर पर कलंदरखेडा में देश के कई राज्यों से आए घुमंतू जाति के नागरिकों ने मंत्री असीम अरुण से मुलाकात भी की थी और समुदाय की बेहतरी के लिए घुमंतू आयोग बनाने की मांग की थी। इस मौके पर असीम अरुण ने बताया कि यहां समाज कल्याण सहित दूसरे कई विभाग के अधिकारी कैंप लगाकर पिछले कई दिनों से सर्वेक्षण का कार्य कर रहे हैं। सर्वेक्षण के दौरान वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए नागरिकों को चिन्हित किया जा रहा है।

मुख्य धारा से जोड़ रही योगी सरकार

दो सप्ताह पूर्व निरीक्षण के दौरान स्थानीय नागरिकों ने असीम अरुण को बताया था कि यहां 200 परिवार करीब 90 वर्षों से झोपड़ी बनाकर निवास कर रहे हैं। इन परिवारों के पास न तो पीने का साफ पानी उपलब्ध है और न ही बिजली। नगर निगम नागरिकों को टैंकर से साफ पेयजल उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही, बिजली की पहुंच के लिए भी कार्यवाही की जा रही है। मालूम हो कि रेनके आयोग (2008) द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 1,500 घुमंतू एवं अर्द्ध-घुमंतू जनजातियां और 198 विमुक्त जनजातियां हैं, जिनमें तकरीबन 15 करोड़ लोग शामिल हैं। देश के कई हिस्सों में ये जनजातियां अब भी सामाजिक एवं आर्थिक रूप से चुनौतियों का सामना कर रही हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से ही ऐसे समुदाय को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। इन समुदायों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के साथ ही सरकार ने नागरिक सुविधाओं से जोड़ने का भी काम किया है।

योगी सरकार ने यूपी को जीरो पावर्टी वाला राज्य बनाने का रखा है लक्ष्य

देश के 78वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में प्रदेश को जीरो पावर्टी वाला राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘अंत्योदय से सर्वोदय’ की नीति को सीएम योगी ने अपना आधार बताया था। सीएम योगी के ‘जीरो पॉवर्टी स्टेट’ के संकल्प की पूर्ति के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें वन फैमिली वन आईडी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, जिसके माध्यम से हर गरीब और वंचित को सरकारी योजना का शत प्रतिशत लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार का लक्ष्य एक वर्ष में 15 से 25 लाख निर्धनतम परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर लाकर उत्तर प्रदेश को पूरी तरह गरीबी से मुक्त राज्य बनाना है। उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से विपन्न जीवन जीने को विवश 6 करोड़ जनता को एक दशक में बहुआयामी गरीबी से बाहर लाकर सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराया गया है।

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उत्तर प्रदेश

04 जोन में 107 बीटों के रक्षक करेंगे 45 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखते हुए 45 करोड़ लोगों की सुरक्षा का पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। इसके लिए जल पुलिस के लिहाज से चार जोन का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। जिसमें बाकायदा 107 बीटों में बंटे सुरक्षा कर्मी देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए मौके पर तैनात रहेंगे। यहां कुल 10 कंपनी पीएसी, एसडीआरएफ, एनडीआरफ और 141 सुरक्षाकर्मियों के अलावा 700 नावों पर रक्षक तैनात किए जा रहे हैं। इनके साथ स्वास्थ्य कर्मियों की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं।

107 बीटों पर तैनात रहेंगे सुरक्षा कर्मी

आईजी पीएसी पूर्वी जोन डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि महाकुंभ में 10 कंपनी पीएसी देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहेगी। महाकुंभ के दौरान यहां प्रयागराज में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। संगम में स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है। जिसमें सुरक्षा कर्मियों को 107 बीटों में बांटा गया है। यही नहीं स्नानार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए इसके लिए बाकायदा चिकित्सक और जन औषधि केंद्रों से युक्त आधुनिक वाटर कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं। जल पुलिस अलग से थाने और चौकियों के साथ 16 सब कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी में लगी है। जिससे पलक झपकते ही श्रद्धालुओं को हर सुविधा मुहैया कराई जा सके।

रिफ्लेक्टिव रिवर लाइन का नहीं किया जा सकेगा उल्लंघन

उन्होंने बताया कि कोई अनहोनी न होने पाए, इसके लिए थर्मो-प्लास्टिक के फ्लोटिंग ब्लाक्स को जोड़कर बैरिकेडिंग बनाई जा रही है, जिस पर 24 घंटे पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे। स्नान के दौरान नावों के टकराने की कोई आशंका नहीं रहेगी, इसके भी पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। जिसके तहत सौर ऊर्जा का प्रयोग कर रिफ्लेक्टिव रिवर लाइन बनाई जा रही है। जिसकी वजह से कोई भी नाविक लेन का उल्लघंन नहीं कर पाएगा।

चार जोन का सुरक्षा चक्र

महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं। इसके तहत जल पुलिस को चार जोन में बांटकर सुरक्षा घेरा बनाया गया है।

पहला जोन (संगम क्षेत्र)

पहला संगम का घेरा रहेगा, जिसमें 25 बीट में 290 पीएससी, एसडीआरएफ, एनडीआरफ, 8 पीएससी गोताखोर, 30 सुरक्षाकर्मी, 18 प्राइवेट गोताखोर, 26 होमगार्ड, 27 मोटर बोट और 113 नाव सुरक्षा इंतजाम में लगाए गए हैं।

दूसरा जोन (बरगद घाट)

दूसरा बरगद घाट का घेरा रहेगा। इस दूसरे जोन में 28 बीट में 33 सुरक्षाकर्मी, 100 पीएसी व एनडीआरएफ एसडीआरएफ, 50 होमगार्ड, 40 पीएससी गोताखोर, 50 प्राइवेट गोताखोर, 24 मोटर बोट और 77 नाव रहेंगी।

तीसरा जोन (संगम क्षेत्र से दुर्वासा)

तीसरा जोन संगम क्षेत्र से दुर्वासा का होगा। इस तीसरे जोन में 16 बीट के अंतर्गत 21 सुरक्षाकर्मी, 68 पीएसी व एसडीआरएफ, एनडीआरफ, 16 प्राइवेट गोताखोर, 28 होमगार्ड, 8 मोटर बोट और 99 नाव सुरक्षा के लिए उपलब्ध रहेगी।

चौथा जोन (संगम क्षेत्र से फाफामऊ)

चौथा जोन 38 बीटों वाला रहेगा, जिसमें 50 सुरक्षाकर्मी और पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ 210, 14 पीएससी गोताखोर, 19 प्राइवेट गोताखोर, 64 होमगार्ड, 33 मोटर बोट और 311 नाव रहेंगी।

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