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अहम बिल पास होने दो, फिर इसका भी श्रेय ले लेनाः भाजपा

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ईपीएफ निकासी पर टैक्स लेने की घोषणा का प्रस्‍ताव वापस, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू, जीएसटी बिल

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ईपीएफ निकासी पर टैक्स लेने की घोषणा का प्रस्‍ताव वापस, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू, जीएसटी बिल

नई दिल्ली। ईपीएफ निकासी पर टैक्स लेने की घोषणा का प्रस्‍ताव वापस लेने के सरकार के फैसले का श्रेय लेने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए बीजेपी ने कहा है कि वो हर काम का श्रेय ले सकते हैं, बस संसद में अहम बिल पास होने दें।

क्या था राहुल का दावा

गौरतलब है कि राहुल ने कहा था, ‘मेरा दबाव काम कर गया मैंने सरकार से कहा था कि वो सैलरी क्लास लोगों पर दबाव न बनाए। मुझे लगता है कि सरकार मध्यम वर्गीय लोगों को परेशान कर रही है, इसलिए मैंने थोड़ा दबाव बनाया। मुझे खुशी है कि लोगों को कुछ राहत मिली है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेहनत करने वाले और मध्यम वर्गीय लोगों की सेफ्टी नेट पर टैक्स लगाना नैतिक रूप से गलत है और सरकार की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है।’

बीजेपी ने उड़ाया मजाक

राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी ने उनका मजाक उड़ाया। संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने तो यहां तक कहा कि राहुल महत्वपूर्ण बिलों को पास नहीं होने देते, जिससे गरीबों नुकसान हो रहा है। बीजेपी ने राहुल के दावे को झूठा करार दिया है। अरुण जेटली ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान लोगों के लिए सोशल सेफ्टी नेट बनाने के लिए कोई काम नहीं किया।

‘बस संसद चलने दें राहुल’

वेंकैया नायडू ने कहा, ‘कांग्रेस और राहुल गांधी हर फैसले का श्रेय ले सकते हैं। अगर राहुल संसद के काम को चलने दें और सरकार को बिल पास कराने में मदद करें, तो वो जीएसटी और बाकी बिल पास होने का भी श्रेय ले सकते हैं। ये बीजेपी के नहीं बल्कि देश के बिल हैं।’

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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