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अन्तर्राष्ट्रीय

परमाणु समझौते से अमेरिका बाहर हुआ तो पछ्ताएगा : ईरान

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ईरान ने अमेरिका को परमाणु समझौते से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका को चेताते हुए कहा कि वह तेहरान और छह वैश्विक शक्तियों के बीच हुए परमाणु समझौते से बाहर नहीं निकले। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, राष्ट्रपति हसन रूहानी ने नए समझौते पर चर्चा से इनकार के अपने पुराने रुख को दोहराया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार 2015 में हुए संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जेसीपीओए) समझौते से बाहर निकलने की धमकियां दे चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने या नहीं होने पर वह 12 मई तक फैसला लेंगे।

रूहानी ने पूर्वोत्तर ईरान में अपने संबोधन के दौरान कहा, “यदि जेसीपीओए से अमेरिका बाहर हो गया तो उसे बहुत जल्द इसका पछतावा होगा। हम युद्ध और तनाव के पक्षधर नहीं हैं लेकिन अपने अधिकारों की मजबूती से रक्षा करेंगे।”

उन्होंने कहा, “हम जेसीपीओए के हमारे कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं और इस समझौते को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मंजूरी मिली हुई है।”

रूहानी ने कहा, “हम दुनिया को बता चुके हैं कि हम हमारे हथियारों पर किसी के साथ भी चर्चा नहीं करेंगे। हम क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे और दूसरा आईएस बनने नहीं देंगे।”

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने या नहीं होने पर वह 12 मई तक फैसला लेंगे।

 

इनपुट आईएएनएस

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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