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मुख्य समाचार

ऐसे तो भेड़ चराने वाले PM बन जाते: भारत जोड़ो यात्रा पर कांग्रेस विधायक का बयान

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नई दिल्ली। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि केवल पैदल चलने से वोट नहीं बढ़ने वाला है। केवल पैदल चलने से होता तो भेड़ चराने वाले प्रधानमंत्री बन जाते। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा में देर हो गई है।

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर कहा, ” यह एक अच्छा कॉन्सेप्ट है, लेकिन पहले निकाल लेनी चाहिए थे। लोगों को यह कहने का मौका मिल गया कि ईडी की छापे के बाद क्यों हुई, पहले क्यों नहीं। इसकी योजना पहले से थी, टाइमिंग आगे पीछे हो गया, लेकिन ऐसा नहीं है कि ईडी की छापों को वजह से हुई।

उन्होंने कहा अच्छा है पैदल चल रहे हैं, लेकिन केवल पैदल चलने से ही कोई चुनाव नहीं जीत जाता है। अगर ऐसा होता तो ये जो रबारी (पशुपालन करने वाली एक जनजाति) भेड़ चराते हैं, हर साल 2-3 हजार किलोमीटर पैदल चलते हैं, प्रधानमंत्री बन जाते।

राजनीति में आर्ट ऑफ मैनेजमेंट होता है। बूथ पर जो आप मेहनत करेंगे उससे वोट मिलता है। पैदल चलने से फर्क पड़ता है, फॉलोइंग बढ़ती है लेकिन जब तक हम लोग बूथ मैनेजमेंट बेहतर नहीं करेंगे, बूथ पर प्रशिक्षण नहीं देंगे। हमारे वर्कर्स को मदद नहीं करेंगे, उसको ट्रेंड नहीं करेंगे, तब तक नहीं होगा।”

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की ओर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर पास किए गए प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जबर्दस्ती न की जाए। पार्टी में कई काबिल लोग हैं।

उन्होंने कहा, ”जब राहुल गांधी खुद कह रहे हैं उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना है तो मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि उनको जबर्दस्ती क्यों बनाया जा रहा है। चुनाव होने दीजिए, चुनाव हो रहा है और पार्टी में बहुत काबिल लोग हैं।”

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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