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पंजाब

पंथ के नाम पर वोट मांगने वाली पार्टी ने संसद में कभी भी पंजाब के बारे में बात नहीं की: भगवंत मान

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब समर्थक होने का दावा करने वाले शिरोमणि अकाली दल पर तीखा निशाना साधते हुये सोमवार कहा कि पंथ के नाम पर वोट मांगने वाली इस पार्टी ने संसद में कभी भी पंजाब के बारे में बात नहीं की।

रक्खड़ पुनिया के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान सभा को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि पंथ के नाम पर वोट लेकर सत्ता का आनंद लेने वाली पार्टी के नेता संसद में पंजाब के मुद्दों पर मूक दर्शक बने हुये हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने 26 दिसंबर, 2018 को लोकसभा सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों को उनकी शहादत के दिन पर श्रद्धांजलि देने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि लोक सभा स्पीकर उनकी अपील से सहमत होते हुए संसद के इतिहास में पहली बार सम्मान के तौर पर साहिबजादों को श्रद्धांजलि भेंट की, जिन्होंने अत्याचार व बेइंसाफी के आगे हार नहीं मानी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात पर हैरानी होती है कि अकाली दल ने कभी भी साहिबजादों को संसद सम्मान भेंट करने के लिए कोई निवेदन तक नहीं किया, जबकि यह पार्टी खुद को पंथप्रस्त और पंजाबप्रस्त होने का दावा करती है। पंजाब के मुद्दों के बारे में उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है? पंजाब को अमन-कानून की व्यवस्था का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा को किसी पर अंगुली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।

पंजाब

किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान

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चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’

अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।

अपनी मांगों पर अड़े किसान

पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

किसानों की क्या हैं मांगें?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।

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