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प्रादेशिक

कार्यशाला में सिखाए गए मल्टीटास्कर होने व फील्ड का चुनाव करने के गुर

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ के ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय मे जनसंचार विभाग द्वारा संचालित सेण्टर ऑफ़ एक्सीलेंस के अंतर्गत ‘ ग्रामीण क्षेत्रों की कहानी लेंस की ज़ुबानी ‘ विषय पर तीन दिनों की कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का आयोजन एवं संचालन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तनु डंग ने किया। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में शेड्स ऑफ़ रूरल इंडिया की फाउंडर नीतू सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर विद्यार्थियो से चर्चा की।

उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को बताया कि स्क्रिप्ट लिखते वक़्त एक अच्छी कहानी का चुनाव किस प्रकार से समाज में बदलाव ला सकता है और ग्रामीण विकास के लिए एक अच्छा सन्देश कहानी के माध्यम से कितना ज्यादा असर ला सकता है।

अपने संवाद के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से मल्टीटास्किंग स्किल का ज़िक्र किया और ये भी बताया एक पत्रकार के लिए मल्टीटास्कर होना आज कितना आवश्यक होता जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कैसे मल्टीटास्कर बने।

उन्होंने बताया की रुचि के अनुरूप पत्रकारिता जगत में फील्ड का चुनाव कैसे करें और सही चुनाव करना कितना आवश्यक है। उन्होंने इस बारे में भी बताया कि इस फील्ड में लड़कियों को किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इससे जुड़े समाधान के बारे में भी बताया। अंत में उन्होंने फोटाग्राफी के नियमों के बारे में भी बताया।

फाउंडेशन की समन्वयक डॉ तनु डंग ने इससे सम्बंधित विषयों पर शोध के लिए विद्यार्थियों को चार- चार के समुह में बांटकर इस विषय पर काम करने का आदेश किया। इस अवसर पर डॉ रुचिता सुजॉय चौधरी, विषय प्रभारी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, डॉ काज़िम रिज़वी , डॉ सचेंद्र शेखर, डॉ मो. नसीब और विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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