Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

जून में कई ग्रहों का है राशि परिवर्तन, मंगल के गोचर से इन्हें होगा फायदा

Published

on

Loading

किसी ग्रह के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ग्रहों का राशि परिवर्तन कहते हैं। ग्रह के राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर पड़ता है।

जून महीने में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा, जिसमें से मंगल ग्रह प्रमुख है। मंगल मीन राशि से निकलकर 27 जून को सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर मेष राशि में प्रवेश करेगा।

मंगल को साहस, पराक्रम व व्यवसाय का कारक माना जाता है। मंगल राशि परिवर्तन के प्रभाव से चार राशि वालों की आय में वृद्धि होने की संभावना है। जानें इन राशियों के बारे में-

मिथुन

मंगल का गोचर मिथुन राशि वालों के लिए लाभकारी रहने वाला है।

इस दौरान कार्यस्थल पर मान-सम्मान मिलेगा।

आय में वृद्धि की संभावना है।

किसी भी तरह के कर्ज से बचना चाहिए।

वाणी पर संयम रखने की जरूरत है। मनोकामना पूरी होगी।

सिंह

मंगल के इस राशि परिवर्तन सिंह राशि वालों को भाग्य का साथ मिलेगा।

यह समय निवेश के लिए अति उत्तम है।

पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। सुख-शांति बनी रहेगी।

आय में वृद्धि होने के प्रबल योग बनेंगे।

व्यापार व करियर में सब अच्छा ही अच्छा होगा।

मकर

मकर राशि के चतुर्थ भाव में मंगल गोचर होने जा रहा है। इसे सुख का भाव कहा जाता है।

इस दौरान वाहन या भवन  सुख की प्राप्ति हो सकती है।

मंगल गोचर की अवधि में आपको शुभ समाचार मिल सकता है।

मीन

मीन राशि वालों की आय में वृद्धि होगी। धन प्राप्ति के योग बनेंगे।

भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। यात्रा की योग बन रहे हैं।

इस दौरान आप जो भी काम शुरू करेंगे, उसमें सफलता हासिल होगी।

वाहन प्रयोग में सावधानी बरतें।

डिसक्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों के पूर्णतया सत्य एवं सटीक होने का हमारा दावा नहीं है। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Continue Reading

व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

Published

on

Loading

मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

Continue Reading

Trending