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उत्तर प्रदेश

आने वाले समय में यूपी में होंगे 100 सीबीजी प्लांट : हरदीप सिंह पुरी

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गोरखपुर। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में दस सीबीजी प्लांट हैं और आने वाले समय मे यूपी में सौ सीबीजी प्लांट होंगे।

श्री पुरी शुक्रवार को धुरियापार में इंडियन ऑयल के सीबीजी प्लांट के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीबीजी प्लांट पर्यावरण की रक्षा, किसानों की आमदनी बढ़ाने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा प्रयास है। इंडियन ऑयल की तरफ से यह प्लांट 165 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश से स्थापित हुआ है। इस प्लांट में रोजाना 200 मीट्रिक टन कृषि अवशेष (धान का भूसा) 20 मीट्रिक टन प्रेसमड और 10 मीट्रिक टन मवेशियो के गोबर का उपयोग होगा। बायोगैस प्लांट में प्रतिदिन लगभग 20 मीट्रिक टन बायोगैस और 125 मीट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन होगा। जैविक खाद से कृषि की पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लाई गई ग्रीन हाइड्रोजन नीति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस सेक्टर में तेजी से निवेश होगा। उन्होंने कहा कि यूपी में उनके गोद लिए जिले सोनभद्र में भी ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट लगाने की व्यवस्था कराई जाएगी।

ऊर्जा क्षेत्र में भी होगी अन्नदाता की बड़ी भूमिका

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में भी अन्नदाता किसानों की बड़ी भूमिका होगी। यह सीबीजी प्लांट इसी भूमिका से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि गैस सिलेंडर का काम देश में 2014 से 60 साल पहले शुरू हुआ था। 2014 तक 14 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए थे जो पीएम मोदी के मार्गदर्शन में अब 32 करोड़ हो गए हैं। 2016 में शुरू उज्ज्वला योजना से 10 करोड़ महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं उनमें 8 करोड़ ग्रामीण महिलांए हैं।

सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को अग्रसर

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इससे देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में यूपी का बड़ा योगदान होने जा रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं का सबसे तीव्र क्रियान्वयन योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में हो रहा है।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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