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बिजनेस

अगस्त में इन बैंकों ने महंगा किया लोन, ग्राहकों को देनी होगी ज्यादा EMI

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These banks made loans costlier in August

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नई दिल्ली। पिछले साल लोन की ब्याज दर काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके पीछे की वजह आरबीआई की ओर से रेपो रेट बढ़ाना था लेकिन पिछली तीन मॉनेटरी पॉलिसी में केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो रेट को स्थिर रखा गया है। हालांकि, कुछ बैंक द्वारा ब्याज को अभी बढ़ाया जा रहा है।

अगस्त में एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) की ओर से MCLR को बढ़ाया गया है। MCLR वह दर होती है, जिसके आधार पर बैंक कार लोन, होम लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दर तय करते हैं। MCLR  दर बढ़ाने से ग्राहकों पर EMI (Equated monthly installment) का बोझ बढ़ेगा।

बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)

बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से सभी अवधि के एमसीएलआर में 5 आधार अंक (0.05 प्रतिशत) की बढ़ोतरी की गई है। ये नई दरें 12 अगस्त, 2023 से लागू हो गई हैं। इस बढ़ोतरी के बाद एक साल का एमसीएलआर 8.00 प्रतिशत हो गया है।

एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)

एचडीएफसी बैंक की ओर से कुछ चुनिंदा अवधि के एमसीएलआर में 15 आधार अंक तक की बढ़ोतरी की गई है। ये नई दरें 7 अगस्त से लागू हो गई हैं। बैंक द्वारा ओवरनाइट एमसीएलआर को 10 आधार अंक बढ़ाकर 8.35 प्रतिशत कर दिया गया था। ये पहले 8.25 प्रतिशत था। एक महीने के एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.45 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 8.30 प्रतिशत था।

वहीं, तीन महीने के एमसीएलआर को 10 आधार अंक बढ़ा दिया गया है। इस कारण ये 8.60 प्रतिशत से बढ़कर 8.70 प्रतिशत हो गया है। छह महीने के एमसीएलआर को 5 आधार अंक 8.90 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.95 प्रतिशत कर दिया गया है। एक साल का एमसीएलआर को 5 आधार अंक बढ़ाकर 9.10 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 9.05 प्रतिशत था। एक साल से अधिक के एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)

ICICI Bank की ओर से सभी अवधि एमसीएलआर को 5 आधार अंक बढ़ा दिया गया है। इस बढ़ोतरी के बाद एक साल का एमसीएलआर 8.40 प्रतिशत, तीन और छह महीने का एमसीएलआर 8.45 प्रतिशत और 8.80 प्रतिशत हो गया है।

बैंक ऑफ इंडिया (Bank Of India)

बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कुछ चुनिंदा अवधि के एमसीएलआर में बढ़ोतरी की गई है। इस बढ़ोतरी के बाद ओवरनाइट एमसीएलआर 7.95 प्रतिशत, तीन और छह महीने का एमसीएलआर 8.30 प्रतिशत और 8.50 प्रतिशत है। एक साल एमसीएलआर 8.70 प्रतिशत है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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