अन्तर्राष्ट्रीय
जानिए दो शहर के बारे में, जहां एक में सूरज उगता ही नहीं, दूसरे में अस्त नहीं होता !
हम रोज सूरज को उगते और अस्त होते देखते है। गर्मी में हम सोचते है कि सूरज कभी न उगता और सर्दी में कभी अस्त न होता। लेकिन सूरज के आगे किसकी चलती है। वह अपनी मर्जी से निकलता है और अपनी मर्जी से अस्त भी होता है। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी जगहें हैं जहां सूरज अस्त नहीं होता है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहे है जहां सिर्फ 40 मिनट की ही रात होती है।
दुनिया में एक ऐसी जगह है जहां रात 12 बजकर 43 मिनट पर सूरज छिपता है और महज 40 मिनट के अंतराल पर उग आता है। यह नजारा नॉर्वे में देखने को मिलता है। यहां आधी रात को सूरज छिपता है और रात करीब डेढ़ बजे चिड़ियां चहचहाने लगती हैं। ये सिलसिला एक-दो दिन नहीं, साल में करीब ढाई महीना यहां सूरज छिपता ही नहीं। इसलिए इसे ‘कंट्री ऑफ मिडनाइट सन’कहा जाता है।
खबरों के मुताबिक, नॉर्वे में मई से जुलाई के बीच करीब 76 दिनों तक यहां सूरज अस्त नहीं होता। अगर आप इस बात पर यकीन नहीं करते तो यह अनुभव को आप वहां जाकर ही महसूस किया जा सकता है। ये घटना नॉर्वे के उत्तरी छोर पर मौजूद हेमरफेस्ट शहर में होती है।
नॉर्वे के एक टाउन के लोग पिछले 100 सालों से धूप के लिए तरस रहे थे। पहाड़ों से घिरी इस जगह पर सर्दियों में धूप नहीं पहुंच पाती थी। इसके लिए इंजीनियर्स ने अनोखे तरीके से टाउन के लिए शीशे की मदद से ‘नया सूरज’ ही बना डाला।
दरअसल, नॉर्वे का जुकान नाम का ये टाउन पहाड़ियों के एकदम बीच स्थित है। आसपास के पहाड़ हमेशा इसे ढके रहते हैं। इस आर्टिफिशियल सूरज को पहाड़ी पर इस तरह से लगाया गया है कि वह धूप को शहर तक पहुंचाता है और खुद एक सूरज के जैसे लगता है। इसकी रोशनी सीधे टाउन स्कवायर पर पड़ती है। यही वजह है कि यह जगह लोगों को आकर्षित करती हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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