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आध्यात्म

एक ऐसा इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, जिसकी आध्यात्मिक मार्गदर्शन की कायल है युवा पीढ़ी

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नई दिल्ली। गौर गोपाल दास ये नाम देश के उन आध्यात्मिक गुरुओं में से है, जिनकी देश की युवाओं में काफी अच्छी पकड़ है और हो भी क्यों नहीं क्योंकि ये दूसरे बाबा से अलग हैं बिल्कुल रॉकस्टार की तरह हैं। प्रवचन की गद्दी लेते ही एक जोक मार देते हैं और चालू हो जाता है चुटकुलों का मजेदार सिलसिला। बाबा या पंडित जैसी कोई क्वालिफिकेशन इनके नाम के साथ नहीं लगती है।

‘आदर्श आध्यात्मिक पुरस्कार’ से हुए है सम्मानित:

उन्हें हाल ही में युवा युग में दुनिया को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए भारतीय छात्र संसद, एमआईटी द्वारा ‘आदर्श आध्यात्मिक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।

पेशे से इंजिनियर है “गोपाल प्रभु”:

पेशे से इंजिनियर गोपाल प्रभु, पुणे के कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से पढाई की है। लेकिन पिछले कई सालों से इस्कॉन के साथ जुड़े हुए हैं। गौर गोपाल दास भी विभिन्न शीर्ष रैंकिंग हस्तियों और कॉर्पोरेट नेताओं के वार्ता और गाइड के लिए रोटरी क्लब और लायंस क्लब के सदस्यों से नियमित रूप से जाते हैं। उन्होंने कई टेडेक्स कार्यक्रमों में भी बात की है।

ब्रिटिश संसद में कर चुके है वार्ता:

2016 में लंदन की यात्रा के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश संसद में एक वार्ता दी। ये राधानंद स्वामी के शिष्य रहे हैं। राधानंद स्वामी की भी कहानी इंटरेस्टिंग है। वो शिकागो के यहूदी परिवार में पैदा हुए थे. तब उनका नाम था रिचर्ड स्लाविन। फिर घूमते हुए इंडिया पहुंचे और कृष्ण भक्तों से मिल कृष्ण भक्त हो गए। इस्कॉन यानी कृष्ण भक्तों का इंटरनेशनल ग्रुप जॉइन कर लिया. इंडिया में इस्कॉन का एक बड़ा चेहरा हैं।

करुणा की विचारधाराओं को बढ़ावा देने के लिए हुए सम्मानित:

दुनिया भर में करुणा की विचारधाराओं को बढ़ावा देने के लिए अपने निःस्वार्थ योगदान को पहचानने के लिए केआईआईटी विश्वविद्यालय द्वारा ‘दानवीर कर्ण अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।

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आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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