उत्तर प्रदेश
राममंदिर की खुशी मनाने पर इस मुस्लिम को मिली थी धमकी, प्राण प्रतिष्ठा के बारे में कही यह बात
रामपुर। अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक फरहत अली खां ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने की इच्छा जताई है। उनका कहना है कि अगर मौका मिला तो वह भी इस पल के साक्षी बनेंगे। वह इस्लाम को मजबूती से मानते हैं। इसी के साथ भारतीय परंपरा का भी बहुत सम्मान करते हैं। होली, दीपावली, रक्षाबंधन पर्व भी बहुत श्रद्धा के साथ मनाते हैं।
फतवे के साथ मिली थी धमकी
जब राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी गई थी, तब 21 दिए जलाकर खुशी का इजहार किया था। ऐसा करने पर उन्हें फतवे फरमान के साथ धमकियां भी मिली थीं। उन्होंने बताया कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रण के संकेत मिल रहे हैं। आमंत्रण मिलने पर वह अवश्य इसमें शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य होगा। इसमें शामिल होकर वह गौरवान्वित महसूस करेंगे।
अयोध्या में भंडारे को 35 क्विंटल चावल भेजा
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होने वाला हैं। इसके चलते अयोध्या में भंडारे को राइस मिलर्स एसोसिएशन तथा सामाजिक संगठनों द्वारा 35 क्विंटल चावल अयोध्या भेजा गया हैं।
नगर पालिका अध्यक्ष चित्रक मित्तल ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाली कार्यक्रम में रामलला के श्री विग्रह का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अनावरण किया जाएगा। इस दौरान वहां आयोजित होने वाले भंडारे के लिए क्षेत्र के राइस मिलर्स एसोसिएशन तथा सामाजिक संगठनों द्वारा 35 क्विंटल चावल को एकत्र कर अयोध्या भेजा गया है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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