Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

ऑफ़बीट

इस युवा ने शुरू की कविशाला, नए कवियों को दे रहे मौका

Published

on

Loading

हर साहित्य का ऊपर चढ़ना और नीचे गिरना लगा रहता है। आज से डेढ़ साल पहले जब मैंने कविशाला की शुरुआत की थी तब देश में कुछ गिने चुने ग्रुप्स थे जो कभी- कभी नए कवियों के लिए छोटे – छोटे इवेंट कर लिया करते थे मगर मैंने जो बदलाव पिछले एक साल में देखा है, वह वास्तव में सराहनीय है, ये कहना है अंकुर मिश्रा का। अंकुर मिश्रा नए कवियों को मौका देने वाले पोर्टल कविशाला के फाउंडर हैं।  कविशाला में देश भर के 10,000 से ज्यादा कवि अपनी कविताएं साझा करते हैं। इन कवियों की 50 हजार से ज्यादा कविताओं का संग्रह कविशाला पर है।

इन कवियों की 50 हजार से ज्यादा कविताओं का संग्रह कविशाला पर है।

अंकुर का कहना है कि लोगों का कविताओं के लिए बाहर आना और नए- नए प्रयोग करना युवाओं के लिए लाभदायक साबित हो रहा है लेकिन इन्हीं सब के बीच कुछ ऐसे ग्रुप्स भी सामने आ रहे हैं जो साहित्य के नाम पर जाने क्या-क्या जनता के सामने परोस रहे हैं। इन चीजों से साहित्य को बड़ा खतरा भी है। अंकुर कहते हैं कि व्यापार और साहित्य कभी भी साथ-साथ नहीं चल सकते। एक अच्छे साहित्य को आप (साहित्य में) व्यापार के साथ आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।
अंकुर मिश्रा उत्तर प्रदेश के एक छोटे गांव जिटकरी से आते है और गुड़गांव में रहते हैं। वह उद्यमी, लेखक, कवि, इंजीनियर, मार्केटियर, सोशल एक्टिविस्ट और फोटोग्राफर हैं। इसके साथ ही वह एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी फोरेंटेक के फाउंडर और सीईओ हैं। वह ‘लव इज़ स्टील फ़्लर्ट’नाम का एक नॉवेल लिख चुके हैं। वह तीन कविता संग्रह ‘क्षणिक कहानियों की विरासत’, ‘नई किताब’ और ‘कविशाला’लिख चुके हैं। अंकुर ने कोई डेढ़ साल पहले मई 2016 में अपना खुद का काम डिजिटली सेव करने के लिए एक वेबसाइट बनाई। अपने दोस्तों से शेयर की। कुछ ही दिनों में लोग पूछने लगे कि क्या हमारी कविताओं को भी इस वेबसाइट पर जगह मिल सकती है? फिर सिलसिला चल निकला नए-नए कवियों के जुड़ने का। 
वह कहते हैं कि कविशाला की शुरुआत के पीछे मेरा मकसद नए और छिपे हुए साहित्य को बाहर निकालकर इंटरनेट पर लेकर आना है जिसके जरिये वो ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंच पाए। इस काम में कविशाला काफी हद तक आगे भी बढ़ी है।

ऑफलाइन काम भी करती है कविशाला

कविशाला जमीनी स्तर पर जाकर देश के गांव, कस्बों और शहरों में काम करती है। वहां रह रहे लोगों के लिए एक प्लेटफार्म बनाती है जिससे उनके अंदर के विचार बहार निकल कर आ सके और उनके अंदर एक आत्मविश्वास जग सके। कविशाला मुंबई से लेकर झांसी, जयपुर से लेकर दिल्ली, गुड़गाँव से लेकर रायपुर, उदयपुर, लखनऊ, रीवा, हमीरपुर जैसे 35 ज्यादा स्थानों में हर महीने मीटअप कराती है और इससे निकलने वाले अच्छे कवियों और लेखकों को उनका उपर्युक्त स्थान दिलाने का प्रयास करता है।

कई भाषाओं में शुरू हो रही है कविशाला

अंकुर कहते हैं कि उनकी वेबसाइट कविशाल हिंदी ,उर्दू, अंग्रेजी के अलावा देश की अलग अलग भाषाओं के लेखकों और कवियों से जुड़ने का प्रयास कर रही है। मार्च के आखिरी तक इसमें देश की अलग अलग भाषाओं के लोग अपनी कविताएं साझा कर सकते हैं। इसमें प्रमुख रूप से बंगला, तेलगू, मराठी, तमिल, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी  भाषाएं शामिल हैं। इसके अलावा इसमें उत्तर प्रदेश की भाषाएं, अवधी, बुंदेलखंडी और भोजपुरी भी शामिल होगी।
Continue Reading

ऑफ़बीट

पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

Continue Reading

Trending