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ऑफ़बीट

21 साल की इस खूबसूरत साध्वी को देखकर सेक्युलर भी बोल उठते हैं, “राधे-कृष्ण”

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नई दिल्ली। अक्सर हर घर में ऐसा होता है सुबह सुबह मम्मी या दादी टीवी खोलकर साध्वियों या साधुओं के प्रवचन सुनने बैठ जाती हैं। आपको भी लगता होगा प्रवचन सुनाना बुजुर्गों का काम है। इसलिए ऐसे प्रवचन सुनने वाले भी बुजुर्ग ही होने चाहिए, लेकिन आज हम आपको ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जो मात्र 21 साल की उम्र में घर बार छोड़कर साध्वी बन गई। इनकी सोशल मीडिया पर भी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। टीवी पर भी ये जब प्रवचन सुनाती हैं तो उसे सुनने के लिए लाखों लोग अपनी टीवी स्क्रीन के सामने बैठ जाते हैं जिनमें काफी संख्या में युवा भी होते हैं।

इनका नाम जया किशोरी है। इनके प्रवचन को सुनने के लिए लाखों की भीड़ उमड़ती है। लोग दूर-दूर से इनका प्रवचन सुनने आते हैं। जया किशोरी के दादाजी और दादीजी के साथ रहने और घर में भक्ति का माहौल होने की वजह से बचपन में ही केवल 6 साल की कम उम्र में ही भगवान कृष्ण के लिए उनके मन में प्रेम जागृत हो गया।

जया ने सिर्फ 9 साल की उम्र में ही संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम् आदि कई स्तोत्रों को गाना शुरू कर दिया था। 10 साल की हुईं तो अकेले सुंदर कांड का पाठ किया। तभी से लोगों का ध्यान जया की ओर आया लेकिन इस दौरान जया ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। वह अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए थीं।

जया ने शुरुआती दीक्षा पं गोविंदराम मिश्र से ली थी। वो जया को राधा कहकर बुलाते थे। उन्होंने ही कृष्ण के प्रति प्रेम को देखते हुए जया को ‘किशोरी जी’ की उपाधि दी थी। अब जया अपने भक्तों के बीच जया किशोरी के नाम से जानी जाती हैं। जया किशोरी ‘नानी बाई का मायरा, नरसी का भात’ कार्यक्रम करती हैं।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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