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आध्यात्म

शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि कल, धनु और स्थिर लग्न में करें हवन

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नवमी तिथि

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नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों तक शक्ति की देवी मां दुर्गा की उपासना करने वाले श्रद्धालु कल मंगलवार को नवमी तिथि को धनु और स्थिर लग्न में हवन करें। मंगलवार दोपहर 1.32 बजे तक हवन का यह शुभ मुहूर्त है। सुबह सात बजे तक सूर्य, बुध और शुक्र का योग बन रहा है।

विद्वानों के अनुसार तीनों ग्रह कन्या राशि में होने से हवन काफी शुभकारक होगा। वहीं सुबह 9.10 बजे से साढ़े 11 बजे के बीच स्थिर लग्न में भी हवन काफी शुभ होगा। जानकार कहते हैं कि स्थिर लग्न में हवन करने से परिवार में सुख-शांति, खुशहाली और समृद्धि में स्थिरता बनी रहती है।

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साढ़े 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक धनु योग में श्रद्धालु हवन करेंगे। इसे भी बढ़िया माना जाता है। जानकारों के अनुसार मंगलवार को सुबह से लेकर दोपहर तक हवन का अच्छा मुहूर्त है। सुबह से लेकर डेढ़ बजे के बाद तक कन्या-पूजन शुभदायक होगा। नौ दिनों तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु मंगलवार नवमी तिथि को हवन पूजन के बाद पारण करेंगे। अष्टमी तिथि सोमवार को दिन में 4 बजे तक है।

नवमी को होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा

नवरात्रि के नवम दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं।

शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं। मां के चार हाथ हैं। मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है। मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं। नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी किया जाता है।

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नवरात्रि में करें इस मंत्र का जाप, हर मनोकामना होगी पूरी

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लखनऊ। शक्ति उपासना का पर्व नवरात्र आज से शुरू चुका है। आज से नौ दिन तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नौ दिनों तक पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं।

एस्ट्रोलॉजर सरिता गुप्ता के मुताबिक, नवरात्रि में नवार्ण मंत्र का जाप किया जाए तो भक्त की हर मनोकामना पूरी होगी। नवार्ण मंत्र मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली मंत्र है, जिसका जाप करने से हर बिगड़ा हुआ काम बन जाएगा और आपको सफलता मिलेगी। नवार्ण मंत्र में नौ ग्रहों को नियंत्रित करने और मां दुर्गा के तीनों रूपों की एक साथ साधना का प्रभाव समाहित है। इसलिए इसे सबसे शक्तिशाली महामंत्र कहा गया है। इस मंत्र का जाप करने से मां भगवती का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

नवार्ण मंत्र:

नवार्ण मंत्र- ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ की शक्ति अपार है। इसमें मां जगदम्बा की शक्ति समाई हुई है। इसका अनुष्ठान करने वाले साधक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह सरल है और शीघ्र सिद्ध होता है। इस मंत्र में ‘ऐं’ मां सरस्वती का, ‘ह्रीं’ मां लक्ष्मी या भुवनेश्वरी का तथा ‘क्लीं’ मां काली का प्रतीक है। इन बीज मंत्रों में इन देवियों की शक्तियां समाई हैं। नवार्ण मंत्र की साधना धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि सहित सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। अनुष्ठान यदि बिना विशेष कामना के भी किया जाय तो मां दुर्गा साधक को सभी सुख स्वत: प्रदान कर देती हैं। यदि इसकी मौन एवं दीर्घकालिक साधना की जाय तो वाक्सिद्धि प्राप्त होती है।

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