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उत्तराखंड

देहरादून में दो शव मिलने से हड़कंप

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उत्‍तराखण्‍ड की राजधानी देहरादून, दिन दहाड़े दो शव मिला

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उत्‍तराखण्‍ड की राजधानी देहरादून, दिन दहाड़े दो शव मिला

dead body legs

देहरादून। उत्‍तराखण्‍ड की राजधानी देहरादून में दिन दहाड़े दो शव मिलने से पुलिस में हड़कंप मच गया। राजधानी में रेलवे ट्रैक के पास झाड़ी में महिला का शव मिला है। वहीं जीएमएस रोड पर एक युवक का शव मिलने की खबर है।

विगत 28 जून से गायब महिला का शव शुक्रवार को रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों में पड़ा हुआ मिला। मृतका के पति ने शव की पहचान की और मृतका का नाम सुनीता बताया। मृतका रेसकोर्स की निवासी है।

हालांकि अन्य परिजनों ने महिला के सुनीता होने से इन्कार किया है। उनका कहना है कि जिस महिला का शव मिला है उसकी शक्ल सुनीता से मिलती है, लेकिन वह सुनीता नहीं है। महिला की हत्या गला दबाकर की गई है।

वहीं दून की जीएमएस रोड पर एक युवक गिरा पड़ा मिला। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची 108 द्वारा उसे दून अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों ने बताया कि वह अस्पताल आने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त युवक किसी महिला के साथ स्कूटी पर जा रहा था और गिर गया। महिला उसे छोड़कर मौके से फरार हो गई।

 

 

 

 

 

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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