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क्या फिर से लौट आया है किसानों की मौत का मौसम ?

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हाल ही में भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी कि 7 से 11 तारीख के बीच देश के कई हिस्सों में तेज़ बारिश के साथ आंधी-तूफान आने की आशंका है, जिसका असर दिखने भी लगा है। देश के कई हिस्सों में बारिश और तूफान दस्तक दे चुके हैं, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। लेकिन अगर आने वाले दिनों में ये जारी रहा तो एक बार फिर से किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

पिछले दो दिनों में देश के कई हिस्सों में तेज़ बारिश और आंधी-तूफान ने किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है और मौसम विभाग के अनुसार यह आगे भी जारी रह सकता है। किसान परेशान है, उसे अपना दर्द बयां करने के लिए कोई नहीं मिल रहा है। देश के तमाम लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना और किसानों का दर्द जाहिर किया है।

हरमन संधू ने ट्वीट करके किसानों के दर्द को बयां करते हुए लिखा, ”किसानों की गेहूं की फसल पक कर तैयार है बस कुछ दिन मे कटाई शुरू होगी, लेकिन बे-मौसमी बारिश, आंधी-तूफान से फसल का नुकसान हो रहा है। अकेले कर्ज ही नहीं बल्कि फसल की बर्बादी भी किसान को खुदकुशी करने को मजबूर कर देती है।”

आपको बता दें इससे पहले वर्ष 2015 में ऐसे ही बे-मौसम बारिश ने किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया था जिसके बहुत से किसानों ने मौत को गले लगा लिया था।
पिछले दिनों लोकसभा में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बताया कि साल 2014 से 2016 के दौरान ऋण, दिवालियापन एवं अन्य कारणों से क़रीब 36 हज़ार किसानों एवं कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की। इसके साथ ही यह भी बताया था कि देश में 52 प्रतिशत किसान परिवारों के क़र्ज़दार होने का अनुमान है और प्रति किसान परिवार पर बकाया औसत कर्ज़ 47,000 रुपए है। इस लिए अगर ऐसे में किसान की फसल बर्बाद हो जाती है, जो उसकी एक मात्र पूंजी होती है तो किसान इसे सह नहीं पाएगा।

”मोदी जी, योगी जी बारिश की वजह से किसानों की गेहूं की फसल गलकर सड़ गयी। किसान आज दुखी होकर आत्महत्या के लिए विवश हो रहा है। आपसे अनुरोध है कि बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित करते हुए किसानों को फसल का उचित मुआवजा दिया जाए,” यह ट्वीट मनोज पंडित नाम के एक ट्विटर यूज़र ने किया और फिर उसी पर रिप्लाई करते हुए लिखा, ”अगर समय रहते किसानों की मदद नहीं की तो किसान आत्महत्या करने को मजबूर होगा। क्योंकि किसान को फसल से उम्मीद होती है बैंक का कर्ज चुकाने की लेकिन जब फसल बर्बाद हो गयी तो कर्ज कैसे चुकाएगा? फसल बीमा का लाभ देते हुए मदद की जाय।”

पढिए और किसने क्या-क्या कहा ?

रविन्द्र काजल नाम के यूज़र ने लिखा, ”बारिश बनकर आई किसान के लिए आफत, 6 महीने की मेहनत से उगाई फसल को किया तबाह, क्या प्रधानमंत्री जी बीमा योजना के तहत इन को मुआवजा मिलेगा या फिर ऐसे ही किसान मरता रहेगा?”

विकी राना ने लिखा – बादल गरजे बिज़ली चमकी बारिश तेज और तूफानी कुछ तो सरकार निकम्मी भगवान तू भी कर ले अपनी मनमानी, किसान तेरी कदर किसी ने ना जानी।

राहुल काजल ने ट्वीट किया, ”ऐ खुदा। तूं भी किसान के हल मे चलकर देख, कुछ मेहनत खेत मे करके देख। पता चलेगा वक्त-बेवक्त की बारिश करने का, किसान के लिये फसल ही तो वजह है जीने-मरने का।” राहुल ने एक और ट्वीट में लिखा, ”वक्त-बेवक्त की बारिश कभी खुशियां नही लाती, बस आँसू छोड़ जाती है, नदियां-नाले बहें या ना बहें मगर किसान की आंखों को जरूर बहा जाती है।”

जमीदार नाम के ट्वीटर से ट्वीट किया गया कि आज फिर ट्रेन की खिड़की में बैठे हैं ..
बे मौसम बारिश से हुए फ़सल नुक़सान को देखे हैं,
किसी के भीगे हुए हैं भरोटे, किसी के गेहूँ बिलकुल लेटे हैं
लाचार किसान ओर कुछ कर भी नही सकता,
एक बार फिर आसमान की तरफ़ हाथ जोड़कर देखे है..
#नेहरा वो अब भी भगवान से ही उम्मीद लगाए बैठे हैं..

विकास बालियान ने ट्वीट किया, ”बर्बाद हो गया किसान सर्दी में कम बारिश और अब फसल पक के पर आंधी और बारिश से। किसान की मदद करें सरकारें”

मौसम विभाग ने क्या दी थी चेतावनी ?

भारतीय मौसम विभाग ने 7 अप्रैल को चेतावनी जारी की थी अगले पांच दिनों के लिये मौसम खराब रहेगा। इसके साथ यह भी बताया था कि किन जगहों पर आंधी-तूफान और तेज बारिश की संभाना है।

07 अप्रैल (पहला दिन): मेघालय में कुछ चुनिंदा स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना।

गंगा की तराई वाले पश्चिम बंगाल, झारखण्ड एवं ओड़िशा में चुनिंदा स्थानों पर तूफान, ओलावृष्टि एवं आंधी के साथ बारिश की संभावना।

बिहार, असम, मेघालय, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम एवं त्रिपुरा में कुछ स्थानों पर तूफान के साथ आंधी और बारिश की संभावना।

केंद्रीय महाराष्ट्र एवं मराठवाड़ा के कुछ स्थानों पर तूफान, तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने की संभावना।

पूर्वी उत्तर प्रदेश, अंदरूनी तमिलनाडु, अंदरूनी कर्नाटक, उत्तरी सीमांत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल और सिक्किम के हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों के कुछ स्थानों पर तूफान के साथ तेज हवाओं की संभावना।

08 अप्रैल (दूसरा दिन): पश्चिम बंगाल और सिक्किम के हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना।

उत्तराखण्ड एवं ओड़िशा के कुछ स्थानों पर तूफान, आंधी-बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना।

पश्चिम बंगाल के हिमालय की तराई के क्षेत्र, सिक्किम, बिहार, उत्तरी उत्तर प्रदेश और पंजाब के कुछ स्थानों पर तूफान के साथ आंधी-बारिश की संभावना।

मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, दक्षिण कोंकण और गोवा के कुछ स्थानों पर तेज हवाओं, तूफान के साथ बिजली गिरने की संभावना।
अंदरूनी तमिल नाडु, केरल, अंदरूनी एवं तटीय कर्नाटक, विदर्भ, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल के गंगा की तराई वाले इलाके और पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ स्थानों पर तूफान के साथ तेज हवाओं की संभावना।

09 अप्रैल (तीसरा दिन): जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के कुछ स्थानों पर तूफान, आंधी-बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना।

पंजाप के कुछ स्थानों पर तूफान के आंधी-बारिश की संभावना।

केरल, हरियाणा, चण्डीगढ़ और दिल्ली के कुछ स्थानों पर तूफान के साथ तेज हवाओं की संभावना।

10 अप्रैल (चौथा दिन): जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के कुछ स्थानों पर तूफान, आंधी-बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना।

पंजाब और उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर तूफान के साथ आंधी-बारिश की संभावना।

हरियाणा, चण्डीगढ़ और दिल्ली के कुछ स्थानों पर तूफान के साथ तेज हवाओं की संभावना।

11 अप्रैल (पांचवां दिन): पश्चिम बंगाल के हिमालय के तराई वाले क्षेत्र, सिक्किम, असम, मेघालय, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ स्थानों पर तूफान के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना।

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महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?

अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”

अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।

 

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