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नेशनल

गैर-पंजीकृत आश्रय गृहों पर गिरेगी गाज, पंजीकृत वाले भी हो जाएं अपडेट

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नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश भर के बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) और आश्रय गृहों को दो महीने के भीतर सरकार के साथ पंजीकरण कराने का निर्देश दिया है और साथ ही इस बीच इनका सामाजिक ऑडिट भी हो जाना चाहिए। मंत्रालय के एक आधिकारिक सूत्र बताया, जो संस्थान दो महीने के भीतर पंजीकरण नहीं कराते हैं, उन्हें बंद किया जाएगा और लड़कियों को बेहतर व पंजीकृत केंद्रों में स्थानांतरित किया जाएगा।

मंत्रालय ने पहले ही गैरपंजीकृत केंद्रों को बंद करना शुरू कर दिया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि देश भर के नौ हजार से ज्यादा सीसीआई को 60 दिनों के भीतर सामाजिक ऑडिट कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। यह सामाजिक ऑडिट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, नए पारूप में हालात का पूरा आंकलना किया जाएगा, इसमें बच्चे कैसे रह रहे हैं, यह भी शामिल है। इसमें केवल बुनियादी सुविधाओं पर ही नहीं गौर किया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले सप्ताह राज्य और जिला स्तर पर बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) की स्थापना करने के लिए कहा था, ताकि सीसीआई और आश्रय गृहों की नियमित निगरानी की जा सके। मंत्री ने यह भी कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट और जिला कलेक्टरों को जिला स्तर पर लागू ऐसे कार्यक्रमों की निगरानी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश

दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग

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गौतमबुद्ध नगर। उत्तर प्रदेश का गौतमबुद्ध नगर जिला अक्सर चर्चा में रहता है। चाहे वो सोसाइटीज की समस्या को लेकर हो या विकास की रफ्तार को लेकर हो या फिर त्योहारों पर बिक्री को लेकर। दिवाली का त्योहार बीत गया है।

इस बीच, दिवाली के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में शराब की बिक्री को लेकर जानकारी सामने आई है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल यहां शराब की बिक्री में 25 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। यानी दिवाली के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले के लोग शराब के नशे में भी खूब झूमे हैं।

दिवाली में पिया 25 करोड़ की शराब

दिवाली के जश्न के बीच गौतमबुद्ध नगर जिले में लोग 25 करोड़ रुपये की शराब गटक गए, जो पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पूरे अक्टूबर माह में जिले के लोगों ने 250 करोड़ रुपये शराब पर खर्च किए, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 204 करोड़ रुपये था।

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