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उप्र विस में उठा दलित की हत्या व गरीब छात्रों के दाखिले का मुद्दा

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उप्र विधानसभा, कन्‍हैया कुमार की जीभ काटने का मुद्दा, भारतीय जनता युवा मोर्चा

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उप्र विधानसभा, दलित की हत्या व गरीब छात्रों के दाखिले का मुद्दा, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी

लखनऊ| उत्तर प्रदेश में शनिवार को विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने एक तरफ जहां आगरा के सत्येंद्र कुमार की हत्या का मामला जोर-शोर से उठाया, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में गरीब छात्रों को दाखिला न मिलने का मुद्दा उठाया। बसपा सदस्यों ने शनिवार को सत्येंद्र कुमार की हत्या के मामले को लेकर सदन में नारेबाजी की और बैनर लहराए। उन्होंने कहा कि सत्येंद्र कुमार के परिजनों को 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद बसपा सदस्यों ने सदन के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि माफियाओं के इशारे पर उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने भी कार्रवाई नहीं की। सत्येंद्र के परिजनों को धमकी दी जा रही है। संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने कहा कि इस मामले में वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे। उन्होंने मामले में उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन भी दिया।

बसपा के सदस्यों ने  उठाया आगरा के सत्येंद्र कुमार की हत्या का मामला

भाजपा के सदस्यों ने शनिवार को विधानसभा में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) का मुद्दा उठाया। निजी स्कूलों में गरीब छात्रों को दाखिला न दिए जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा सदस्यों ने सरकार को घेरा और फिर सदन से बहिर्गमन कर गए। भाजपा विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने यह मामला उठाते हुए कहा कि आरटीई के तहत यूपी के निजी स्कूलों में गरीब छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने नियमावली में गलत तरीके से संशोधन करके गरीब बच्चों के प्रवेश की बाध्यता खत्म कर दी है। इससे स्कूल मनमानी करने लगे हैं। विधानसभा में कांग्रेस के पंकज मलिक ने शनिवार को बदायूं के भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिलाध्यक्ष कुलदीप वाष्र्णेय के विवादास्पद बयान का मुद्दा उठाया। वाष्र्णेय ने शनिवार को बदायूं में कहा कि जो कोई जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जीभ काटकर लाएगा, उसे वह पांच लाख रुपये का इनाम देंगे। उन्होंने इस मामले को उठाते हुए चर्चा कराए जाने की भी मांग की, जिस पर संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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