उत्तर प्रदेश
उप्र: भाजपा नेता ने महिला से की अभद्रता, अब तलाश रही है पुलिस; पार्टी ने झाड़ा पल्ला
नोएडा (उप्र)। नोएडा फेज दो थाना क्षेत्र के सेक्टर-93बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी निवासी कथित भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी का शुक्रवार को कुछ पौधे लगाने को लेकर महिलाओं से विवाद हुआ, तो श्रीकांत ने एक महिला से अभद्रता करते हुए गालियां देकर धमका दिया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपी नेता के खिलाफ पुलिस ने छेड़छाड़ का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी यूपी के डीजीपी के जवाब-तलब किया है। पुलिस श्रीकांत त्यागी की तलाश में उसके घर भी पहुंची। 4 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। श्रीकांत त्यागी फरार बताया जा रहा है।
मामले पर एडीसीपी सेंट्रल नोएडा ने कहा थाना फेस-2 नोएडा क्षेत्रांतर्गत श्रीकांत त्यागी नाम के व्यक्ति द्वारा उसी सोसायटी की महिला के साथ किए गए अभद्र व्यवहार की घटना का त्वरित संज्ञान लेते हुए FIR पंजीकृत की गई है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
जमीन कब्जाने का आरोप
सोसाइटी की महिलाओं ने भाजपा नेता पर पौधे लगाकर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया। महिलाओं का आरोप है कि भाजपा नेता ने सत्ता की हनक दिखाते हुए पौधे लगाकर एक स्थान पर कब्जा करने का प्रयास किया। जब महिलाओं ने उन्हें रोका तो उन्होंने एक महिला से अभद्रता की और जमकर गालियां दीं।
पति के बीच-बचाव करने पर उन्हें भी धमकी दी गई। इसके बाद सोसाइटी की अन्य महिलाओं ने विरोध जताना शुरू कर दिया। इसके बावजूद आरोपी ने महिला को धमकाते हुए कहा, ‘तुम पौधे टच करोगी तो मैं तुम्हें टच करूंगा।’ इसके बाद महिलाओं की नाराजगी और बढ़ गई। सोसाइटी के लोगों ने सभी पौधों को उखाड़ दिया। करीब चार घंटे तक सोसाइटी में विवाद चलता रहा।
वहीं, घटना का वीडियो कुछ ही देर में वायरल हो गया। इसके बाद शहर के लोगों ने आरोपी के खिलाफ भड़ास निकालनी शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह की टिप्पणियों से नाराजगी जताई।
भाजपा ने किया किनारा
दूसरी तरफ भाजपा ने श्रीकांत त्यागी को पार्टी का सदस्य मानने से इनकार कर दिया है। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फतेहपुर सीकरी से सांसद राजकुमार चाहर ने कहा कि श्रीकांत त्यागी नाम का व्यक्ति भाजपा किसान मोर्चा का राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य नहीं है। किसान मोर्चा की कोई युवा समिति भी नहीं है। सरकार उसके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करे जिसने महिला से अभद्रता की है।
भाजपा महानगर के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि आरोपी से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। वह पार्टी में न तो किसी पद पर है और न ही उसके पास पार्टी की सदस्यता है।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान
वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली महिला आयोग की चेयरमैन स्वाति मालीवाल ने भी नाराजगी जताते हुए नोएडा पुलिस से सख्त कार्रवाई करने की मांग की। इसके बाद पुलिस ने आरोपी नेता के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया।
कांग्रेस व सपा ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट कर विरोध जताया और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाएं असुरक्षित हैं। सरेआम भाजपा नेता महिलाओं से अभद्रता और अपमानित कर रहे हैं।
#नोएडा में महिला के साथ अभद्रता करने वाले @BJP4India पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई है ?@noidapolice अपराधी को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पा रही ?
क्या हमेशा की तरह अपराधी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है ?
फिर बता देंगे कि वह फरार हो गया ! #Noida @CP_Noida @dgpup @CMOfficeUP https://t.co/nwaIHR1S1e— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) August 5, 2022
सपा ने ट्विटर पर लिखा, ‘उप्र में सत्ता संरक्षित भाजपाई गुंडे प्रतिदिन बहन बेटियों का अपमान कर रहे हैं। नोएडा के ओमेक्स सिटी में भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी ने महिला को दी भद्दी-भद्दी गालियां, की अपमानजनक टिप्पणी। शर्मनाक! आरोपी भाजपा नेता को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कठोरतम कार्रवाई करे पुलिस।’
उत्तर प्रदेश में सत्ता संरक्षित भाजपाई गुंडे प्रतिदिन बहन बेटियों का कर रहे अपमान!
नोएडा के ओमेक्स सिटी में भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी ने महिला को दी भद्दी-भद्दी गालियां, की अपमानजनक टिप्पणी। शर्मनाक!
आरोपी भाजपा नेता को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कठोरतम कार्रवाई करे पुलिस।@dgpup pic.twitter.com/kIePf4kqKA
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) August 5, 2022
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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