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प्रादेशिक

यूपीः एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति से कोरोना के एक्टिव मामलों में आई कमी

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अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति से प्रदेश में पिछले 13 दिनों में कोरोना के कुल एक्टिव मामलों में 01 लाख 06 हजार से अधिक की कमी आई है। इसके साथ-साथ नये मामलों की संख्या में भी तेजी से कमी हो रही है। प्रदेश में प्रतिदिन कोविड टेस्ट 2.50 लाख से अधिक किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सर्विलान्स के माध्यम से घर घर जा कर लोगों से कोविड के लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। सर्विलांस के माध्यम से अब तक प्रदेश की 24 करोड़ जनसंख्या में से लगभग 16 करोड़ से अधिक लोगों का हालचाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि सर्विलान्स के साथ-साथ गाँवों में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है। निगरानी समितियों के द्वारा गाँव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गाँव में संक्रमणयुक्त लोगों को होमआइसोलेशन में रखने के लिए गाँव में ही पंचायत भवन/स्कूल/सरकारी इमारतों मंे आइसोलेट करके उनका उपचार किया जा रहा है।

श्री सहगल ने बताया कि निगरानी समितियों द्वारा प्रदेश में बाहर से आने वाले प्रवासियों को कोविड प्रोटोकाल का पालन कराते हुए उनकी जांच कराकर क्वारंटीन सेन्टर में भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि 193 जनपद स्तर पर, 220 तहसील स्तर पर, 19 ब्लाक स्तर पर तथा 254 ग्राम पंचायत स्तर पर क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं। इन क्वारंटीन सेन्टर में 25,820 लोगों को रखा गया है तथा 49 लोगों को अस्पताल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि गांव में निगरानी समितियों द्वारा लोगों से कोविड लक्षण की जानकारी लेने तथा आरआरटी टीम द्वारा लक्षणयुक्त लोगों का टेस्ट किया जा रहा है जिसके क्रम में 6,081 कोविड पाॅजिटिव मरीज मिले हैं तथा 1,81,733 लोगों का टेस्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उ0प्र0 सरकार द्वारा गांव में चलाये जा रहे इस अनूठे अभियान की प्रशंसा की गयी है।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी, पटरी, ठेला, श्रमिकों, पल्लेदार आदि लोगों को सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें सरकार द्वारा 277 तथा एनजीओ के माध्यम 76 सामुदायिक किचन संचालित हैं। उन्होंने बताया कि कल सामुदायिक किचन के माध्यम से 02 लाख से अधिक फूड पैकेट वितरित किये गये हैं।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में कोविड मरीजों के लिए आॅक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसी क्रम में प्रत्येक सीएचसी में 20-20 आॅक्सीजन युक्त बेड सृजन का अभियान चल रहा है। सभी जनपदों में 5000 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर भेजे गये हैं और 17000 से अधिक आॅक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीदने का आदेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कल अस्पतालों में 1000 मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन की सप्लाई की गयी है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि होम आइसोलेशन में रहने वाले ऐसे मरीजों को जिनको आॅक्सीजन की आवश्यकता हो, के लिए आॅक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक जनपद में एक रिफिलर चिन्हित कर लिया जाय, जो होम आइसोलेशन के ऐसे मरीजों को आॅक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा सभी अस्पतालों में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाने के निर्देश दिये गये हैं जो भर्ती कोविड मरीज के परिजन को मरीज से सम्बंधित जानकारी देंगे।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेशव्यापी आंशिक कोरोना कर्फ्यू के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आंशिक कोरोना कर्फ्यू में वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों, मेडिकल सम्बन्धी कार्य आदि आवश्यक अनिवार्य सेवाओं को यथावत जारी रखा गया है। आंशिक कोरोना कर्फ्यू की अवधि में पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फाॅगिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां तेजी से चलायी जा रही हैं। औद्योगिक इकाइयों द्वारा मजदूरों को काम दिया जा रहा है। इन औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क बनाये गये हंै। इसके अलावा जिन औद्योगिक संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे ऐसे औद्योगिक संस्थानों में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहँू क्रय अभियान में अब तक 05 लाख किसानों से 24,15,691.40 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

 

उत्तराखंड

गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

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हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।

गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।

स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

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