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प्रादेशिक

67 फीसदी को लग गई कोविड वैक्सीन की पहली डोज, दूसरी डोज लेने वाले 03 करोड़ 17 लाख पार

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लखनऊ। केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच उत्तर प्रदेश में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। ताजा स्थिति के मुताबिक 41 जिलों में कोविड का भी मरीज नहीं है, तो 17 जिलों में 01-01 मरीज ही शेष हैं। बीते 24 घंटों में 01 लाख 38 हजार 271 नमूनों की जांच हुई, जहां गौतमबुद्ध नगर और प्रयागराज में 2-2 और बलरामपुर, बस्ती और गाजीपुर में 1-1 नए मरीज मिले। इसी अवधि में 10 मरीज स्वस्थ भी हुए। फिलहाल प्रदेश में कुल 102 कोरोना मरीज हैं। इसके साथ ही, दूसरे राज्यों की स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सर्विलांस और जागरूकता अभियान तेज कर दिया गया है।

मंगलवार को उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। बीते 30 अप्रैल को यहां 3,10,786 कोरोना मरीज थे, लेकिन लगातार कोशिशों से आज यह संख्या महज 102 बची है, जबकि 16,87,165 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।

सीएम ने कहा कि कानपुर में अब तक हुई 750 से अधिक सैम्पल की जांच में जीका वायरस के 11 मरीज मिले हैं। ऐसे में सर्विलांस को और बेहतर करने की जरूरत है। डेंगू और डायरिया के मरीजों की संख्या में आई कमी का संज्ञान लेते हुए सीएम ने निगरानी समितियों को एक्टिव रखने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि मरीजों की पहचान करने और जरूरत के अनुसार सभी को बेहतर उपचार मुहैया कराने के लिए सभी प्रबंध किए जाएं। वहीं, त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री ने मास्क की अनिवार्यता को लेकर लोगों को जागरूक करने की भी जरूरत बताई।

पहली डोज के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता खत्म

कोविड टेस्ट और टीकाकरण की देशव्यापी स्थिति में यूपी पहले पायदान पर बना हुआ है। प्रदेश में अब तक 13 करोड़ 17 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 03 करोड़ 32 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। जबकि 09 करोड़ 85 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी के 67 फीसदी लोगों ने पहली डोज प्राप्त कर ली है। सीएम के निर्देश पर अब पहले डोज के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुक करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब सीधे टीकाकरण केंद्र पर सम्पर्क कर वैक्सीन लगवाई जा सकती है।

इन जिलों में एक भी कोरोना मरीज नहीं:

जनपद आगरा, अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, औरैया, अयोध्या, बदायूं, बागपत, बलिया, बहराइच, भदोही, बिजनौर, बुलंदशहर, चन्दौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जौनपुर, कानपुर देहात, कासगंज, कुशीनगर, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मीरजापुर, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर और उन्नाव में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ मेले में हीटर और ब्लोवर पर रहेगा प्रतिबंध

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प्रयागराज। आगामी महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मेले में आग की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कई प्रतिबंध और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए योगी सरकार ने इस बार कल्पवासियों के टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे अनधिकृत उपकरणों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। महाकुंभ 2025 में नियमों के सख्ती से पालन के साथ, सरकार का लक्ष्य एक सुरक्षित, व्यवस्थित और अग्नि-मुक्त आयोजन को सफल बनाना है।

विद्युत सुरक्षा को लेकर सख्ती

विद्युत विभाग ने मेले में बिजली के उपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि (यूपीपीसीएल) ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ मेले में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम आग की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। पूर्व में देखा गया है कि मेले के दौरान हुई आग की अधिकतर घटनाओं में शॉर्ट सर्किट बड़ी वजह रही है जो हीटर या ब्लोवर के कारण उत्पन्न हुई।

कटिया पर होगी कार्रवाई

अधिशाषी अभियंता अनूप सिन्हा ने बताया कि हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के साथ साथ मेले में कटिया लगाकर बिजली के उपयोग पर भी सख्त प्रतिबंध रहेगा। ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी संस्था द्वारा विद्युत विभाग की वायरिंग में छेड़छाड़ की जाती है और उसके कारण कोई आगजनी की घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस संस्था की होगी। ऐसी संस्थाओं को भविष्य में प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।

सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य

संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि यदि वे स्वयं वायरिंग करते हैं, तो यह कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप होना चाहिए। वायरिंग के लिए एमसीबी और कंड्यूट पाइप का उपयोग अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, संस्था को अपनी वायरिंग के उपरांत विद्युत सुरक्षा से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) प्राप्त करना होगा। सरकार के इन कदमों का उद्देश्य महाकुंभ 2025 को पूरी तरह सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाना है। इस बार का महाकुंभ एक ऐसा आयोजन होगा, जहां सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया जाएगा, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी भय के धार्मिक आयोजन में भाग ले सकें।

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